New Delhi. नई दिल्ली। बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को केंद्र सरकार ने Y+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह निर्णय हाल ही में सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। इस रिपोर्ट में तेज प्रताप यादव की जान को संभावित खतरे का उल्लेख किया गया था। आदेश जारी होने के बाद अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) उनके लिए स्थायी सुरक्षा कवच उपलब्ध कराएगा।
सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्रालय को हाल में सुरक्षा एजेंसियों से एक इनपुट मिला था, जिसमें कहा गया था कि तेज प्रताप यादव राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और आपराधिक घटनाओं के चलते खतरे में हो सकते हैं। रिपोर्ट में इस बात की भी सिफारिश की गई थी कि उनकी सुरक्षा श्रेणी को अपग्रेड किया जाए। इसके बाद केंद्र ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तेज प्रताप यादव को वाई प्लस कैटेगरी (Y+ Category) की सुरक्षा मुहैया कराने का फैसला किया। इस सुरक्षा व्यवस्था के तहत तेज प्रताप के साथ अब सीआरपीएफ के सशस्त्र जवान तैनात रहेंगे। सूत्र बताते हैं कि इस कैटेगरी में आमतौर पर 8 से 10 प्रशिक्षित सुरक्षाकर्मी होते हैं, जो 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करते हैं। इनमें निकट सुरक्षा अधिकारी (PSO), एस्कॉर्ट वाहन, और एंटी-सर्विलांस उपकरण शामिल होते हैं।
तेज प्रताप ने खुद जताई थी सुरक्षा को लेकर चिंता
तेज प्रताप यादव ने कुछ समय पहले सार्वजनिक रूप से अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि बिहार में अपराध और राजनीतिक हिंसा लगातार बढ़ रही है और ऐसी स्थिति में जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। तेज प्रताप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने अपने बयान में कहा था “बिहार के हालात किसी से छिपे नहीं हैं। रोज कहीं न कहीं हत्याएं, हमले और आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसे माहौल में मुझे और मेरे परिवार को भी खतरा है। सुरक्षा बढ़ाना अब वक्त की जरूरत है।”
दुलार चंद यादव हत्या के बाद बढ़ी सुरक्षा चिंता
तेज प्रताप यादव ने यह भी कहा था कि मोकामा में दुलार चंद यादव की हत्या के बाद उन्हें अपनी जान को लेकर गंभीर खतरे की आशंका हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य में राजनीतिक रंजिशें बढ़ती जा रही हैं और विपक्षी नेता उन्हें निशाना बना सकते हैं। तेज प्रताप ने कहा था- “दुलार चंद यादव की हत्या जैसी घटनाएं बताती हैं कि अब अपराधियों में कोई डर नहीं है। ऐसे में हमें भी किसी भी वक्त निशाना बनाया जा सकता है। मैं चाहता हूं कि केंद्र और राज्य दोनों मिलकर जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।”
गृह मंत्रालय का निर्णय और राजनीतिक प्रतिक्रिया
गृह मंत्रालय के इस कदम के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। आरजेडी समर्थक इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं, जबकि कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे “राजनीतिक विशेषाधिकार” बताया है। हालांकि सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर खतरे का आकलन रिपोर्ट में दर्ज है, तो सुरक्षा देना उचित निर्णय है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, तेज प्रताप यादव की छवि भले ही अकसर विवादों से जुड़ी रही हो, लेकिन हाल के महीनों में वे लगातार “जनशक्ति जनता दल” के बैनर तले अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ा रहे हैं। इससे कई पुराने राजनीतिक समीकरण भी बदल सकते हैं, और ऐसे में उनकी सुरक्षा एक आवश्यक पहल है।
अब तेज प्रताप को मिलेगी 24 घंटे सशस्त्र सुरक्षा
वाई प्लस कैटेगरी में आने के बाद तेज प्रताप यादव को अब 24 घंटे सशस्त्र सुरक्षा मिलेगी। इसमें सीआरपीएफ के जवान उनके आवास, कार्यक्रम स्थल और यात्रा के दौरान तैनात रहेंगे। उनका मूवमेंट अब पूरी तरह सुरक्षा नियंत्रण में रहेगा। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला केवल व्यक्तिगत सुरक्षा से जुड़ा नहीं है बल्कि राज्य के राजनीतिक माहौल को देखते हुए एक प्रिवेंटिव (रोकथाम आधारित) कदम भी है, ताकि किसी संभावित हमले या हादसे की स्थिति को टाला जा सके।

