Rising Northeast Investor Summit: नई दिल्ली। नई दिल्ली में आयोजित ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इंवेस्टर समिट’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में निवेश का उत्साह और उमंग साफ दिखाई देता है।
Rising Northeast Investor Summit: नई दिल्ली। नई दिल्ली में आयोजित ‘राइजिंग नॉर्थईस्ट इंवेस्टर समिट’ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों में निवेश का उत्साह और उमंग साफ दिखाई देता है। उन्होंने कहा, “इस भव्य मंच पर आकर मन गौरव से भर गया है। हाल ही में भारत मंडपम में अष्टलक्ष्मी महोत्सव मनाया गया और आज हम नॉर्थईस्ट में निवेश का उत्सव मना रहे हैं।” इस समिट में बड़ी संख्या में उद्योग जगत के नेता शामिल हुए।
राइजिंग नॉर्थईस्ट इंवेस्टर समिट में प्रधानमंत्री ने बताया कि पिछले एक दशक में पूर्वोत्तर के शिक्षा क्षेत्र में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इस दौरान 850 नए स्कूल, 9 मेडिकल कॉलेज और मिजोरम में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन का कैंपस स्थापित किया गया है। इसके अलावा, 200 नए कौशल विकास संस्थान खोले गए हैं, जो क्षेत्र की युवा प्रतिभाओं को सशक्त बना रहे हैं।
पूर्वोत्तर की विविधता भारत की ताकत
पीएम मोदी ने पूर्वोत्तर को भारत की विविधता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, “भारत दुनिया में सबसे विविधतापूर्ण देश के रूप में जाना जाता है और नॉर्थईस्ट इस विविधता का सबसे अनूठा हिस्सा है। व्यापार से लेकर परंपरा, टेक्सटाइल से लेकर पर्यटन तक, पूर्वोत्तर की विविधता इसकी सबसे बड़ी ताकत है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने में पूर्वोत्तर का विकास महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, “हमारे लिए ईस्ट का मतलब एम्पावर, एक्ट, स्ट्रेंथ और ट्रांसफॉर्म है। पूर्वोत्तर भारत का सबसे अहम अंग है।” उन्होंने पिछले 11 वर्षों में क्षेत्र में आए बदलावों पर प्रकाश डाला, जो केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं, बल्कि जमीन पर दिखाई देने वाले परिवर्तन हैं।
पीएम मोदी ने बुनियादी ढांचे के विकास को भावनात्मक जुड़ाव का माध्यम बताया।
उन्होंने कहा, “हमने इंफ्रास्ट्रक्चर को सिर्फ ईंट और सीमेंट का ढांचा नहीं माना, बल्कि इसे लोगों से जोड़ने का रास्ता बनाया। हमने ‘लुक ईस्ट’ से आगे बढ़कर ‘एक्ट ईस्ट’ की नीति अपनाई।” उन्होंने कहा कि एक समय पूर्वोत्तर को केवल सीमावर्ती क्षेत्र के रूप में देखा जाता था, लेकिन आज यह विकास का अग्रदूत बन रहा है।