Maratha Military Landscapes: नई दिल्ली/पेरिस: भारत ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। छत्रपति शिवाजी महाराज की सैन्य रणनीति और वास्तुकला की उत्कृष्टता को प्रदर्शित करने वाले ‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ के तहत 12 किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। यह निर्णय पेरिस में 6 से 16 जुलाई तक चली विश्व धरोहर समिति (WHC) की 47वीं बैठक में लिया गया, जहां भारत के नामांकन को 18 देशों का समर्थन प्राप्त हुआ। यह भारत का 44वां विश्व धरोहर स्थल बन गया है।
Indeed, it’s an amazing moment for Maharashtra and India !
Thank you Sir for all your efforts and support to make this possible!@gssjodhpur #unescoworldheritage https://t.co/WNkssWAkXP— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 11, 2025
‘मराठा सैन्य परिदृश्य’ 17वीं से 19वीं सदी के बीच विकसित मराठा साम्राज्य की रणनीतिक और स्थापत्य प्रतिभा को दर्शाता है। ये किले पर्वत, तट और द्वीपों जैसे विविध भौगोलिक क्षेत्रों में बनाए गए, जो मराठा शासकों की सैन्य दूरदर्शिता को प्रदर्शित करते हैं। सूची में शामिल किले हैं: साल्हेर, शिवनेरी, लोहगढ़, खांदेरी, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग (महाराष्ट्र) और जिन्जी (तमिलनाडु)।
Historic! Proud! & Glorious moment!
Maharashtra Govt offers Salutations to our beloved Chhatrapati Shivaji Maharaj!!
Heartiest congratulations to all the citizens and ShivBhakts of Maharashtra…
12 forts of Chhatrapati Shivaji Maharaj listed on UNESCO World Heritage List!— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 11, 2025
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे “मराठा गौरव का क्षण” बताते हुए कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज की सैन्य शक्ति और स्वराज्य की भावना को वैश्विक मान्यता मिली है।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे भारत की सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव बताया और नागरिकों से इन किलों को देखने का आग्रह किया।
Maratha Military Landscapes: भारत ने जनवरी 2024 में यह नामांकन प्रस्तुत किया था, जिसे 18 महीने की कठिन समीक्षा और ICOMOS के स्थल निरीक्षण के बाद स्वीकृति मिली। यह मान्यता मराठा साम्राज्य की सैन्य रणनीति, स्थापत्य और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर उजागर करती है।

