ISRO: मुंबई: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने CE20 क्रायोजेनिक इंजन के बूट-स्ट्रैप मोड स्टार्ट का सफल परीक्षण कर एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर ली है। यह इंजन भारत के सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM3 के ऊपरी चरण को शक्ति प्रदान करता है। इसरो के अनुसार, परीक्षण 7 नवंबर को तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में हाई-एल्टीट्यूड टेस्ट सुविधा के अंदर वैक्यूम जैसी स्थितियों में लगभग 10 सेकंड तक किया गया।
ISRO: CE20 इंजन पहले से उड़ान के दौरान एक बार स्टार्ट होकर 19–22 टन थ्रस्ट देने में सक्षम है और इसे गगनयान मिशन में उपयोग के लिए मंजूरी भी मिल चुकी है। लेकिन भविष्य के मल्टी-ऑर्बिट मिशनों के लिए इस इंजन को उड़ान के दौरान कई बार दोबारा स्टार्ट करने की आवश्यकता पड़ेगी। अभी की व्यवस्था में हर दोबारा शुरुआत के लिए अतिरिक्त गैस बॉटल और स्टार्ट-अप सिस्टम लगाना पड़ता है, जिससे रॉकेट की पेलोड क्षमता कम हो जाती है।
ISRO: इसी चुनौती को दूर करने के लिए बूट-स्ट्रैप मोड तकनीक विकसित की गई है, जिसमें इंजन बिना किसी बाहरी सहायता के खुद ही स्थिर संचालन की अवस्था तक पहुंच जाता है। परीक्षण के लिए थ्रस्ट चैंबर और गैस जनरेटर दोनों में विशेष मल्टी-एलिमेंट इग्नाइटर का उपयोग हुआ। इंजन का टर्बोपंप भी बिना किसी अतिरिक्त स्टार्ट-अप सिस्टम के सक्रिय किया गया।
ISRO: इसरो ने बताया कि यह उपलब्धि गैस-जनरेटर चक्र क्रायोजेनिक इंजन के लिए विश्व में पहली बार दर्ज की गई सफलता हो सकती है। यह प्रगति LVM3 की भविष्य की उड़ानों को अधिक लचीला बनाएगी और भारत के अंतरिक्ष मिशनों की क्षमता में बड़ा इजाफा करेगी। यदि चाहें तो मैं इसका 150 शब्द वाला छोटा संस्करण भी बना सकता हूँ।

