IIT बॉम्बे ने तुर्किये के विश्वविद्यालयों के साथ अपने सभी समझौतों को अगला नोटिस जारी किए जाने तक निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
IIT Bombay : मुंबई। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच तुर्किये द्वारा पाकिस्तान के समर्थन पर भारत में नाराजगी बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) बॉम्बे ने तुर्किये के विश्वविद्यालयों के साथ सभी शैक्षणिक समझौते अगली सूचना तक निलंबित करने की घोषणा की है।
आईआईटी बॉम्बे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर कहा, “तुर्किये को लेकर मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए IIT बॉम्बे ने तुर्किये के विश्वविद्यालयों के साथ अपने सभी समझौतों को अगला नोटिस जारी किए जाने तक निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।”
IIT Bombay : फैकल्टी एक्सचेंज सहित कई कार्यक्रम निलंबित-
आईआईटी मुंबई और तुर्किये के संस्थानों के बीच फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम समेत कई शैक्षणिक कार्यक्रमों पर सहमति बनी थी। लेकिन अब यह निलंबित कर दिए गए हैं। यह निर्णय ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद सामने आया है।
IIT Bombay : IIT रुड़की और AMU ने भी खत्म किए रिश्ते-
इससे पहले IIT रुड़की ने तुर्किये के इनोनू विश्वविद्यालय के साथ समझौता औपचारिक रूप से रद्द कर दिया था। संस्थान ने कहा कि वह वैश्विक साझेदारी का समर्थन करता है, लेकिन राष्ट्रीय हित सर्वोपरि है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) ने भी तुर्किये से अपने शैक्षणिक संबंध समाप्त कर दिए हैं। AMU के साथ-साथ अलीगढ़ के ताला व्यापारियों ने भी तुर्किये से व्यापार तोड़ने का ऐलान किया है।
IIT Bombay : 23 विश्वविद्यालयों से भी रिश्ते खत्म-
चंडीगढ़ विश्वविद्यालय ने भी तुर्किये और अजरबैजान के 23 विश्वविद्यालयों के साथ अपने अकादमिक सहयोग समाप्त कर दिए हैं। इससे पहले व्यापारिक संस्थानों द्वारा तुर्किये के सामानों का बहिष्कार भी शुरू हो चुका है।
IIT Bombay : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और तुर्किये का पाकिस्तान समर्थन-
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई के बाद भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। जहां दुनिया के अधिकांश देश भारत के साथ खड़े दिखाई दिए, वहीं तुर्किये और अजरबैजान ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया, जिससे भारत में इन देशों के प्रति आक्रोश तेज हो गया है।

