Pre-Budget Meeting: नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आगामी केंद्रीय बजट 2026-27 के लिए पहली प्री-बजट बैठक की। नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों के साथ-साथ मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन, आर्थिक मामलों के विभाग (DEA) के सचिव और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इसकी जानकारी देते हुए बताया कि यह चर्चा बजट को और समावेशी व विकासोन्मुखी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
Pre-Budget Meeting: बैठक में व्यापार में आसानी बढ़ाने, टैक्स कटौती का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के विभिन्न पहलुओं पर गहन मंथन हुआ। हाल ही में पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCII) के प्रतिनिधियों ने राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव से भी मुलाकात की थी, जिसमें प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष करों में सुधार और MSME सेक्टर की लिक्विडिटी समस्याओं पर सुझाव दिए गए थे। PHDCCII के सीईओ डॉ. रणजीत मेहता ने बताया कि सरकार का रुख बेहद सकारात्मक है और इंडस्ट्री के सुझावों को गंभीरता से लिया जा रहा है।
Pre-Budget Meeting: पूर्व प्रेसिडेंट साकेत डालमिया ने कहा कि नए कानूनों के अंतिम मील तक क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों को वित्त मंत्री ने ध्यान से सुना और सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। MSME सेक्टर की नकदी संकट दूर करने के लिए विशेष सुझाव दिए गए, जिन्हें बजट में शामिल करने की उम्मीद जताई जा रही है। वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में इंडस्ट्री, कृषि, स्टार्टअप और अन्य हितधारकों के साथ लगातार बैठकें होंगी ताकि बजट में हर वर्ग की जरूरतों को जगह मिल सके।
Pre-Budget Meeting: सरकार का फोकस ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने पर है, जिसमें आत्मनिर्भरता, रोजगार सृजन और कर सुधार प्रमुख बिंदु होंगे। अर्थशास्त्रियों ने भी बजट को विकास दर को 8% के पार ले जाने वाला बनाने पर जोर दिया। यह प्री-बजट प्रक्रिया दर्शाती है कि 2026-27 का बजट आम नागरिक और उद्योग दोनों के हितों को संतुलित करने वाला होगा।

