इस दिन को मनाकर हम न केवल अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार करते हैं, बल्कि अगली पीढ़ी के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने का वादा भी करते हैं।
World Environment Day 2025 : डेस्क न्यूज। हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना और प्रकृति के महत्व को समझाना है। इस वर्ष 2025 में विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करना’ (Putting an End to Plastic Pollution) है, जो प्लास्टिक कचरे के पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और इसके विकल्पों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया था, और पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 को मनाया गया। इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों में निबंध, भाषण, पोस्टर मेकिंग और वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि विशेष रूप से बच्चों और युवाओं में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता पैदा हो।
इस वर्ष की थीम प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और एकल उपयोग प्लास्टिक के पर्यावरणीय विकल्पों को अपनाने पर जोर देती है। हर साल 11 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा समुद्रों और जल पारिस्थितिकी तंत्र को दूषित करता है, जो जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता ह्रास और प्रदूषण जैसे वैश्विक संकटों को और गहरा करता है। भारत में इस थीम के तहत कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं, जिनमें प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरणीय विकल्पों पर चर्चा शामिल है। पिछले वर्ष की थीम मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने पर आधारित थी, जबकि 2023 में भी प्लास्टिक प्रदूषण पर ध्यान केंद्रित किया गया था, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।

आज के समय में बढ़ते प्रदूषण, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और ग्लोबल वार्मिंग के कारण पर्यावरण लगातार दूषित हो रहा है। शहरों में खराब हवा के कारण सांस, हृदय और फेफड़ों की बीमारियां बढ़ रही हैं। मानव जीवन प्रकृति पर निर्भर है, और स्वस्थ पर्यावरण के बिना सभ्यता की कल्पना असंभव है। विश्व पर्यावरण दिवस हमें यह याद दिलाता है कि पृथ्वी को रहने योग्य बनाए रखना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। इस अवसर पर हमें कुछ संकल्प लेने चाहिए, जैसे कि प्लास्टिक और पॉलिथिन का उपयोग बंद करना, कागज या कपड़े के थैलों को अपनाना, कम से कम एक पौधा लगाना, जल स्रोतों को प्रदूषित न करना, बिजली का अनावश्यक उपयोग रोकना, और नजदीकी यात्राओं के लिए साइकिल का उपयोग करना। ये छोटे-छोटे कदम पर्यावरण संरक्षण में बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस न केवल जागरूकता का अवसर है, बल्कि यह एक संदेश भी देता है कि प्रकृति और मानवता का सह-अस्तित्व ही भविष्य की कुंजी है। इस दिन को मनाकर हम न केवल अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार करते हैं, बल्कि अगली पीढ़ी के लिए एक स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करने का वादा भी करते हैं।

