Raipur. रायपुर। ग्राम बिरोदा में एक महिला ने अपने पति और सास पर घरेलू हिंसा और मारपीट का गंभीर आरोप लगाया है। महिला ने बताया कि दिनांक 03.10.2025 को सुबह करीब 11.30 बजे वह अपने घर के आंगन में अपने 7 माह के बच्चे हेमराज साहू को गोद में लेकर बैठी थीं। बच्चे के रोने पर महिला उसे अपने हाथों से थपथपा रही थी और शांत कर रही थी। महिला के अनुसार, इस दौरान उनकी सास सुकबती साहू ने आकर कहा कि महिला बच्चे को क्यों मार रही है। यह बात सुनते ही उनका पति दिलेश्वर साहू गुस्से में आ गया और अपनी मां की बातों में आकर महिला को गंदी गाली गलौच करने लगा। इसके बाद पति ने महिला पर हाथ-पांव चलाते हुए मारपीट शुरू कर दी।
महिला ने बताया कि मारपीट से उनके सिर, सीना के नीचे, पीठ, बायां कंधा, बायां हाथ और पैर की उंगली में चोटें आई हैं। घटना को आसपास के लोग देख चुके हैं और इस दौरान महिला ने अपने पिता संतोष कुमार वर्मा और टोमन वर्मा को घटना की जानकारी दी। महिला ने बताया कि घटना के बाद वह और उनका परिवार गहरे सदमे में हैं और घटना की जानकारी मिलने के बाद आज दिनांक 05.10.2025 को अपने पिता के साथ थाना बिरोदा पहुंचकर प्राथमिक शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने पुलिस से उचित कार्यवाही की मांग की है। थाना अधिकारी ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने बताया कि घरेलू हिंसा के ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई की जाती है ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसे कृत्यों को रोका जा सके।
महिला ने पुलिस को यह भी बताया कि मारपीट के समय आसपास के लोग मौजूद थे और उन्हें चोटों के साक्ष्य भी मिल सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनका पति और सास लगातार धमकियां दे रहे थे, जिससे परिवार में भय का माहौल बना हुआ है। स्थानीय समाजसेवी और महिला अधिकार कार्यकर्ता भी इस मामले में संज्ञान लेने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि घरेलू हिंसा के शिकार महिलाएं अक्सर अपने अधिकारों के लिए मजबूर होती हैं और प्रशासन को ऐसी घटनाओं में त्वरित न्याय सुनिश्चित
करना
चाहिए। पुलिस ने कहा कि मामले की गहन जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने नागरिकों से अपील की कि ऐसे मामलों में तुरंत थाना या पुलिस हेल्पलाइन को सूचित करें ताकि पीड़ितों को समय पर सहायता और न्याय मिल सके। इस घटना ने ग्राम बिरोदा में घरेलू हिंसा और परिवारिक विवादों की गंभीरता को उजागर किया है। स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान और सुरक्षा उपाय किए जाएं।

