Sarangarh-Bilaigarh. सारंगढ़-बिलाईगढ़। जिले में शिक्षा की उच्च गुणवत्ता देने और कक्षा 10वी,12वीं की परीक्षा परिणाम सुधारने के उद्देश्य से जिला कलेक्टर संजय कन्नौजे ने स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय गाताडीह का औचक निरीक्षण किया। उनके साथ जिला शिक्षा अधिकारी जे. आर. डहरिया एवं डिप्टी कलेक्टर शिक्षा शर्मा भी मौजूद रहे। कलेक्टर ने विद्यालय पहुँचते ही सबसे पहले परिसर की स्वच्छता, अनुशासन और शिक्षकों की उपस्थिति की जांच की। इसके बाद उन्होंने विभिन्न कक्षाओं में जाकर
विद्यार्थियों
से सीधे संवाद किया, विषयवार प्रश्न पूछे और उनकी अध्ययन स्थिति का आंकलन किया। कुछ बच्चों ने आत्मविश्वास के साथ सही उत्तर दिए, जिनकी सराहना की गई, वहीं कई छात्र-छात्राओं की कमजोर तैयारी देखकर अधिकारियों ने उन्हें मेहनत कर अच्छा पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।निरीक्षण के दौरान विद्यालय के पिछले शैक्षणिक सत्र 2024-25 के परीक्षा परिणामों का भी अवलोकन किया गया। कलेक्टर ने सभी शिक्षकों को कहा कि परीक्षा परिणाम कम आना पढ़ाई की कमी को दर्शाता है। शिक्षा के प्रति हम सबको और गंभीर होना होगा। सभी विषयों को अच्छे से पढ़ाएं। कलेक्टर ने विद्यालय के प्राचार्य एवं समस्त शिक्षकों को सख्त निर्देश दिए कि जिन विद्यार्थियों की पढ़ाई कमजोर है, उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं तुरंत शुरू की जाएं। इन कक्षाओं का संचालन नियमित रूप से किया जाए ताकि आने वाले सत्र में विद्यालय का परिणाम 100% तक सुधरे। उन्होंने कहा कि शिक्षक सिर्फ अध्यापक नहीं, बल्कि समाज निर्माता हैं। उनके प्रयास से ही एक सशक्त समाज और बेहतर भविष्य का निर्माण संभव है। उन्होंने शिक्षकों से कहा “हर बच्चा हमारे जिले का भविष्य है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी छात्र शिक्षा से वंचित न रहे और प्रत्येक विद्यार्थी आत्मविश्वास के साथ सफलता प्राप्त करे।”
कलेक्टर डॉ कन्नौजे ने कहा कि आने वाले समय में जिले के सभी विद्यालयों में इसी प्रकार के औचक निरीक्षण किए जाएंगे, ताकि शिक्षा की वास्तविक स्थिति का पता चल सके और शिक्षकों में जवाबदेही एवं अनुशासन की भावना बनी रहे। निरीक्षण के अंत में कलेक्टर ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा- “मेहनत ही सफलता की कुंजी है। किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयास और आत्मविश्वास जरूरी है। आप सब जिले का भविष्य हैं, आपको ही इस क्षेत्र को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाना है।” निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने पाया कि कुछ विद्यार्थियों को विषयों की गहराई में समझ नहीं है, जिसके लिए अध्यापन पद्धति में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसे विद्यालयों में समय-समय पर शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार शिविर और मूल्यांकन कार्यशालाएं आयोजित की जाएं। जिला शिक्षा अधिकारी जे. आर. डहरिया ने कहा कि अब प्रत्येक विद्यालय के परिणामों की नियमित समीक्षा की जाएगी और जिन स्कूलों का प्रदर्शन कमजोर रहेगा, उनके प्राचार्य एवं शिक्षकों से जवाबदेही तय की जाएगी।

