Raipur. रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जय बूढ़ादेव के उद्घोष के साथ नरहरपुर में आयोजित गोंडवाना समाज के परंपरा और आस्था से जुड़े “ठाकुर जोहारनी” कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने बूढ़ादेव की पूजा-अर्चना कर नई फसल की बालियां अर्पित कीं और समाज सहित पूरे छत्तीसगढ़ की सुख समृद्धि व कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि धरती से जुड़ी परंपराएँ ही हमारी संस्कृति की आत्मा हैं। हमारी परंपराएँ ही हमारी असली ताकत हैं, जो नई पीढ़ी को संस्कार और ऊर्जा प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि गोंडवाना समाज की आस्था, श्रम और परंपरा हमारी सामूहिक विरासत है, जो समाज को उसकी जड़ों से जोड़े रखने का काम करती है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार समाज की परंपराओं का सम्मान करती है और उनकी समृद्धि व विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने समाज के लोगों को अपने रीति-रिवाजों के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और कहा कि परंपरा व आधुनिकता का संतुलन ही समाज को प्रगति की ओर ले जाएगा। कार्यक्रम में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा सहित अन्य गणमान्यजन भी उपस्थित रहे। उन्होंने भी गोंडवाना समाज की परंपराओं को सराहा और समाज के विकास में सक्रिय भागीदारी निभाने का आश्वासन दिया।
पूजा-अर्चना के बाद समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। इस दौरान समाज के बुजुर्गों ने बूढ़ादेव की महिमा का गुणगान करते हुए मुख्यमंत्री को समाज की ओर से सम्मानित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं, युवा और समाज के अन्य सदस्य शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ की मिट्टी, यहाँ की परंपराएँ और समाज की संस्कृति ही राज्य की असली पहचान हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे अपनी विरासत को समझें और उसके संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाएं। इस कार्यक्रम ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि गोंडवाना समाज की परंपराएँ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार समाज के साथ मिलकर शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में और अधिक कार्य करेगी ताकि समाज का हर वर्ग विकास की मुख्यधारा से जुड़ सके।

