चक्रवात ‘मोन्था’ (Cyclone Montha) के तटीय इलाकों की ओर बढ़ने के साथ ही राज्य में जनजीवन प्रभावित होना शुरू हो गया है। सुरक्षा कारणों से रेलवे विभाग ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए कुल 54 ट्रेनों को रद्द करने का निर्णय लिया है। वहीं, कई अन्य ट्रेनों के मार्ग और समय में भी परिवर्तन किया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, यह चक्रवात सोमवार (28 अक्टूबर) शाम तक आंध्र प्रदेश के काकीनाडा और मछलीपट्टनम के बीच तट से टकरा सकता है। इसके चलते पूरे तटीय क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना जताई गई है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। ईस्ट कोस्ट रेलवे और साउथ सेंट्रल रेलवे जोन ने संयुक्त रूप से यह फैसला लिया है। विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, राजमहेंद्रवरम, काकीनाडा और ओंगोल रूट की कई प्रमुख ट्रेनें रद्द की गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि ट्रेनों के पुनर्निर्धारण और पुन: संचालन के बारे में स्थिति स्थिर होने के बाद सूचना दी जाएगी।
रेलवे ने जारी की हेल्पलाइन:
रेलवे प्रशासन ने यात्रियों की सहायता के लिए 24×7 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि रद्द की गई या पुनर्निर्धारित ट्रेनों की जानकारी यात्रियों को समय पर मिल सके। साथ ही यात्रियों से अपील की गई है कि वे आवश्यक यात्रा को फिलहाल टाल दें और रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन से ही अपडेट प्राप्त करें।
प्रशासन ने बढ़ाई सतर्कता:
राज्य सरकार ने सभी तटीय जिलों — विशाखापट्टनम, श्रीकाकुलम, विजयवाड़ा, गुन्टूर, काकीनाडा और पूर्व गोदावरी में रेड अलर्ट जारी किया है। जिला प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में राहत एवं बचाव दल तैनात किए हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रबंधन बल (SDRF) की टीमें भी तैनात की गई हैं, ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
स्कूल और कॉलेज बंद:
चक्रवात की तीव्रता को देखते हुए कई जिलों में स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों को दो दिनों के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। ग्रामीण इलाकों में बिजली विभाग को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है, क्योंकि तेज हवाओं के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।
मौसम विभाग की चेतावनी:
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कहा है कि “मोन्था” के समुद्र में तेज हवाओं की रफ्तार 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। साथ ही, मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। जो मछुआरे समुद्र में हैं, उन्हें तट पर लौटने को कहा गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगरानी:
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि चक्रवात की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। राहत सामग्री और अतिरिक्त बचाव दलों को तैयार रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संबंधित एजेंसियों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय निवासियों की अपील:
प्रशासन ने तटीय इलाकों के लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से दूर रहें और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करें। यदि स्थिति बिगड़ती है तो उन्हें अस्थायी राहत शिविरों में ले जाया जाएगा।
इस बीच, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन अगले 48 घंटे बेहद अहम होंगे।

