Kanwar Yatra 2025 : गाजियाबाद। गाजियाबाद में कांवड़ यात्रा 2025 के लिए व्यापक तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। 11 जुलाई से दिल्ली-मेरठ रोड और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डासना से मेरठ) पर भारी वाहनों की आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की योजना है। इसके साथ ही, 15 जुलाई से इन मार्गों पर वन-वे व्यवस्था लागू की जा सकती है, जो कांवड़ियों की भीड़ के आधार पर समायोजित की जाएगी। गंगनहर पटरी और पाइपलाइन मार्ग पर भी भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा। यह जानकारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने दी, जिन्होंने बताया कि यात्रा को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों और सुरक्षा व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया है।
वैकल्पिक मार्गों से होगी वाहनों की आवाजाही-
रूट डायवर्जन प्लान के तहत, दिल्ली से आने वाले वाहन चौधरी चरण सिंह मार्ग (रोड नंबर 58) से यूपी गेट (गाजीपुर बॉर्डर) होते हुए एनएच-9 के जरिए अपने गंतव्य तक जा सकेंगे। हरिद्वार, अमरोहा, मुरादाबाद, और लखनऊ जाने वाले वाहन यूपी गेट से एनएच-9 और डासना से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उपयोग कर सकेंगे। इसके अलावा, हापुड़ के रास्ते मेरठ जाने का विकल्प भी उपलब्ध होगा। बुलंदशहर और हापुड़ से गाजियाबाद शहर की ओर आने वाले वाहनों को लालकुआं से एनएच-9 के जरिए दिल्ली की ओर डायवर्ट किया जाएगा। यह व्यवस्था यात्रा के दौरान ट्रैफिक को सुगम बनाने और कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लागू की जा रही है।
दूधेश्वरनाथ मंदिर और जीटी रोड पर विशेष व्यवस्था-
सावन के पहले सोमवार (14 जुलाई) से दूधेश्वरनाथ मंदिर के आसपास और जीटी रोड पर विशेष डायवर्जन लागू होगा। चौधरी मोड़ से हापुड़ तिराहा या मेरठ तिराहा की ओर जाने वाले वाहनों को घंटाघर फ्लाईओवर से डायवर्ट किया जाएगा, जबकि फ्लाईओवर के नीचे से किसी भी वाहन को जाने की अनुमति नहीं होगी। विजयनगर से गोशाला बैरियर के आगे दूधेश्वरनाथ मंदिर की ओर वाहनों का प्रवेश भी प्रतिबंधित रहेगा। अंतिम चार दिनों में जीटी रोड पर भी पूर्ण डायवर्जन लागू हो सकता है, जिसके लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। ड्रोन के माध्यम से मंदिर और कांवड़ मार्गों की निगरानी की जाएगी।
प्रशासन की व्यापक तैयारियां, बनाया गया कंट्रोल रूम-
कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए गाजियाबाद पुलिस लाइन में अंतरराज्यीय समन्वयक बैठक आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली, नोएडा, हापुड़, बुलंदशहर, मेरठ, और बागपत के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में रूट डायवर्जन और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा हुई। गाजियाबाद नगर निगम ने मेरठ तिराहे पर मुख्य कंट्रोल रूम स्थापित किया है, जो 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से जुड़ा होगा। इसके अलावा, तीन मुख्य कंट्रोल रूम, एक यातायात कंट्रोल रूम, और 12 सब-कंट्रोल रूम पूरे मार्ग की निगरानी करेंगे। सड़कों पर 24 घंटे सफाई और मेरठ रोड पर 10 किलोमीटर तक अस्थायी प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
कांवड़ियों की सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन पर जोर-
पुलिस और प्रशासन ने कांवड़ियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। यात्रा के दौरान सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। डीजे की ऊंचाई और ध्वनि स्तर पर सख्त नियम लागू होंगे, और भड़काऊ या आपत्तिजनक गानों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यात्रा मार्गों पर चिकित्सा सहायता, बाइक एम्बुलेंस, और गड्ढा-मुक्त सड़कों की व्यवस्था की गई है। स्थानीय लोगों और वाहन चालकों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने की अपील की गई है ताकि यात्रा निर्बाध रूप से संपन्न हो सके।