ओकलाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस प्रोफेसर और एज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पुस्तक के लेखक सुभाष काक ने चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव के कारण वर्ष 2300 या
नई दिल्ली। दुनिया की आबादी को लेकर एक चौंकाने वाला दावा सामने आया है। ओकलाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस प्रोफेसर और एज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पुस्तक के लेखक सुभाष काक ने चेतावनी दी है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव के कारण वर्ष 2300 या 2380 तक वैश्विक आबादी घटकर मात्र 10 करोड़ रह जाएगी। वर्तमान में दुनिया की आबादी 8 अरब है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि 2050 के बाद आबादी में स्थिरता आएगी और 2100 तक इसमें तेज गिरावट शुरू हो जाएगी।
न्यूयॉर्क से प्रकाशित एक अखबार से बातचीत में प्रोफेसर काक ने कहा कि आबादी में यह गिरावट किसी न्यूक्लियर हमले के कारण नहीं, बल्कि एआई के नौकरियों पर कब्जा करने के चलते होगी। उन्होंने बताया कि एआई के कारण बेरोजगारी का डर बढ़ेगा, जिससे लोग कम बच्चे पैदा करने का फैसला करेंगे। इससे जन्म दर में भारी कमी आएगी और वैश्विक आबादी में अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिलेगी।
काक ने कहा, कंप्यूटर और रोबोट भले ही संवेदनशील न हों, लेकिन वे हमारे सभी कामों को करने में सक्षम होंगे। लोग नहीं चाहेंगे कि उनके बच्चे बेरोजगारी का सामना करें, इसलिए वे कम बच्चे पैदा करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यह स्थिति समाज और दुनिया के लिए बेहद खतरनाक होगी, क्योंकि अभी लोग भविष्य की दिशा को लेकर अनजान हैं।
उन्होंने यूरोप, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन क्षेत्रों में पहले से ही जनसंख्या में कमी देखी जा रही है। विशेष रूप से दक्षिण कोरिया में आबादी की सबसे तेज गिरावट दर्ज की जा रही है। काक का अनुमान है कि यदि यही रुझान जारी रहा, तो 2300 तक पृथ्वी पर मानव आबादी केवल 10 करोड़ रह जाएगी, जो वर्तमान में यूनाइटेड किंगडम की आबादी के बराबर है।

