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विनायक दामोदर सावरकर जयंती… कौन थे वीर सावरकर…. जानिए उनसे जुडी बातें

वीर दामोदर सावरकर को लेकर समय समय पर विवाद होता रहा है कभी उनके माफीनामें को लेकर तो कभी उनके क्रांतिकारी फैसलों को लेकर। वे न केवल स्वाधीनता-संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे अपितु महान क्रान्तिकारी, चिन्तक, सिद्धहस्त लेखक, कवि, ओजस्वी वक्ता तथा दूरदर्शी राजनेता भी थे। वे एक ऐसे इतिहासकार भी हैं जिन्होंने हिन्दू राष्ट्र की विजय के इतिहास को वास्तव में लिखा है।

काला पानी की सजा

नासिक जिले के कलेक्टर जैकसन की हत्या के लिए नासिक षडयंत्र काण्ड के अंतर्गत इन्हें 8 अप्रैल 1911 को काला पानी की सजा सुनाई गई और सैल्यूलर जेल पोर्ट ब्लेयर भेज दिया गया। वीर सावरकर को सैल्यूलर जेल की तीसरी मंजिल की छोटी-सी कोठरी में रखा गया था। इसमें पानी वाला घड़ा और लोहे का गिलास रखा था।

कैद में सावरकर के हाथों में हथकड़ियां और पैरों में हमेशा बेड़ियां जकड़ी रहती थीं। बताया जाता है कि वीर सावरकर के साथ ही यहां पर उनके बड़े भाई गणेश सावरकर भी वहीं कैद थे लेकिन उन्‍हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी।

दस वर्षों तक सावरकर इस काल कोठरी में एकाकी कैद की सजा भोगते रहे। यहां पर वह अप्रैल 1911 से मई 1921 तक रहे। 28 मई 1883 को मुंबई में जन्में वीर सावरकर के बारे ये 10 महत्वपूर्ण बातें हर किसी को जाननी चाहिए…

1- विनायक दामोदर सावरकर दुनिया के अकेले ऐसे इंसान थे जिन्हें 2 बार आजीवन कारावास की सजा मिली, जिसे सावरकर ने पूरा किया और उसके बाद राष्ट्र जीवन में सक्रिय हुए।

2- सावरकर ने स्नातक किया किया था स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण उनकी उपाधि अंग्रेज सरकार ने वापस ले ली।

3- वीर सावरकर ने इंग्लैंड के राजा के प्रति वफादारी की शपथ लेने से साफ मना कर दिया जिसके कारण उन्हें वकालत करने से रोक दिया गया।

4- वीर सावरकर को पहला राजनीतिज्ञ माना जाता है जिन्होंने विदेशी कपड़ो की होली जलाई थी।

5- वे विश्व के पहले ऐसे लेखक थे जिनकी कृति 1857 का प्रथम स्वतंत्रता को 2 देशों ने प्रकाशन के पहले ही रोक दिया और हमेशा के लिए प्रतिबंध का फैसला सुना दिया।

6- वे पहले क्रान्तिकारी थे जिन्होंने सजा समाप्त करने के बाद देश में फैली अस्पृश्यता समेंत कई कुरीतियों को दूर किया।

7- वीर सावरकर जब अंडमान निकोबार के जेल में बन्द थे तो वह दीवारों पर कविताएं लिखा करते थे। 10 हजार से ज्यादा पक्तियों को तो उन्होंने जेल से छूटने के बाद दोबारा लिखा।

8- सावरकर ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को राष्ट्रध्वज के बीच धर्म चक्र लगाने का सुधाव दिया था जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार किया।

9- वीर सावरकर द्वारा लिखी द इंडियन वॉर ऑफ इंडिपेंडेंस-1857 बहुत मशहूर हुई। उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत को परेशान कर दिया था।

10- सावरकर पहले भारतीय बन्दी थे जिन्हें फ्रांस में बन्दी बनाया गया, इस कारण इनका मामला हेग के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में पहुंच गया।

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