हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को सावन पूर्णिमा के साथ रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी आयु, उज्जवल भविष्य की कामना करती हैं। इसके साथ ही भाई अपनी बहन को उपहार देने के साथ रक्षा करना वचन देता है।
ये पर्व देश के कोने-कोने में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल रक्षाबंधन पर करीब 100 साल बाद ऐसा हो रहा है जब भद्रा और पंचक का साया नहीं रहेगा। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते हैं राखी बांधने का सही समय, विधि, मंत्र, उपाय, नियम –
इस साल रक्षाबंधन पर पंचक का साया भी नहीं रहेगा। अगस्त माह में पंचक का आरंभ 10 अगस्त 2025 से हो रहा है। रविवार के दिन होने के कारण इसे रोग पंचक कहा जाएगा।
रक्षाबंधन 2025 पर चौघड़िया मुहूर्त (Raksha Bandhan 2025 LIVE)
लाभ काल- प्रातः 10:15 से दोपहर 12:00 बजेअमृत काल-दोपहर 1:30 से 3:00 बजेचर काल- सायं 4:30 से 6:00 बजे
रक्षाबंधन पर भद्रा का साया (Raksha Bandhan 2025)
इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। बता दें कि 8 अगस्त 2025 को दोपहर 02:12 बजे से आरंभ होकर 9 अगस्त को सूर्योदय से पहले 5:46 तक ही थी।
वैदिक पंचांग के मुताबिक, 9 अगस्त को राखी बांधने का मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होगा, जो दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगा. यानी राखी बांधने के लिए पूरे 7 घंटे 37 मिनट का समय मिलेगा। इसी बीच राहुकाल पड़ेगा।
रक्षाबंधन तिथि (Raksha Bandhan 2025 LIVE)
श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से
श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि समाप्त- 9 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर
रक्षाबंधन 2025 तिथि- उदया तिथि के हिसाब से रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025
रक्षाबंधन पर तुला राशि वाले करें ये उपाय(Raksha Bandhan 2025)
भगवान कृष्ण को हल्दी और पीला चंदन का तिलक लगाएं। इससे भाई के वैवाहिक जीवन में खुशियां बढ़ेंगी।
95 साल बाद ऐसा संयोग
रक्षाबंधन पर इस बार श्रावण नक्षत्र के साथ सौभाग्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग है। रक्षाबंधन पर लगभग 95 वर्षों में एक बार होता है। आखिरी बार ऐसा संयोग 1930 के दशक में बना था। ऐसे में मेष, मिथुन और मीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है।