Credit-(X,@News1IndiaTweet)झांसी,उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के झांसी ज़िले में मंगलवार रात आए तेज़ तूफान और मूसलाधार बारिश ने क़ुदरत की खूबसूरती पर ऐसा कहर बरपाया कि पूरा इलाका सदमे में है. गुरसरांय थाना क्षेत्र के सिंगार गांव में रात के तूफान के बाद सुबह जब लोग जागे, तो गांव की ज़मीन पर हज़ारों मरे हुए तोते, मैना और अन्य पक्षियों के शव बिखरे पड़े थे.यह मंजर इतना विचलित कर देने वाला था कि हर देखने वाली आंख नम हो गई.
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सड़क पर मृत पड़े थे तोते और परिंदे
गुरसरांय थाना क्षेत्र में आई तेज आंधी ने मचाई तबाही
सैकड़ों तोते-मैना मृत पाए गए
तस्वीरें विचलित कर देने वाली
आंधी के बाद सिंगार गांव में हजारों पक्षी मृत मिले
JCB से किया गया अंतिम संस्कार
सुबह सिंगार गांव में मृत पक्षियों का ढेर देखकर ग्रामीण सदमे में
झांसी के… pic.twitter.com/3cYMFRLX2m
— News1India (@News1IndiaTweet) May 22, 2025
पेड़ों से गिरते गए परिंदे
बताया जा रहा है कि तूफान के दौरान हवा की रफ्तार इतनी तेज़ थी कि पेड़ों पर बसे हजारों पक्षी उसमें संभल नहीं सके.अंधड़ और बारिश के झोंकों में वे गिरते गए .कई की मौके पर मौत हो गई, और कई ज़ख़्मी होकर सुबह तक दम तोड़ बैठे. ग्रामीणों के मुताबिक, ऐसा मंजर उन्होंने अपने जीवन में पहली बार देखा.
गांव की सड़क पर हर ओर बिखरे मृत तोते और पक्षी
सुबह जब ग्रामीणों ने खेतों और सड़कों पर पक्षियों की लाशों के ढेर देखे, तो गांव में मातम सा माहौल बन गया. बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर कोई स्तब्ध रह गया. सिंगार गांव में यह दृश्य क़ुदरत की बेरुखी की एक दर्दनाक तस्वीर बन गया.
प्रशासन और वन विभाग हरकत में
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और मरें हुए परिंदों और तोतों को इकट्ठा करने का काम शुरू किया गया. JCB मशीनों से सामूहिक रूप से मृत पक्षियों का दफन किया गया.पर्यावरणविद् और वन्यजीव विशेषज्ञ इस घटना को गंभीर पर्यावरणीय संकेत मान रहे हैं.
पर्यावरण असंतुलन या जलवायु परिवर्तन का असर?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की घटनाएं जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय असंतुलन का स्पष्ट संकेत हैं. मानसून से पहले इस तरह के उग्र तूफान सामान्य नहीं माने जाते, और इससे न केवल मनुष्य, बल्कि वन्यजीवों की ज़िंदगी भी संकट में पड़ रही है. झांसी जिला प्रशासन ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और कहा है कि वन विभाग द्वारा पूरे क्षेत्र में निरीक्षण कराया जा रहा है ताकि अन्य घायल पक्षियों को बचाया जा सके.

