
चेन्नई, 24 अप्रैल : तमिलनाडु सरकार ने कच्चे अंडे से मेयोनेज़ के उत्पादन, पैकेजिंग और बिक्री पर पूरे राज्य में एक वर्ष के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. यह निर्णय खाद्य विषाक्तता के ‘उच्च जोखिम’ को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. यह प्रतिबंध आठ अप्रैल से प्रभाव में आया है और इसे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 (केंद्रीय अधिनियम 34 का 2006) की धारा 30 (2)(क) के तहत अधिसूचित किया गया है.
मेयोनेज़ एक गाढ़ा उत्पाद होता है, जो आमतौर पर अंडे की जर्दी, वनस्पति तेल, सिरका और अन्य मसालों से तैयार किया जाता है और इसे शावरमा जैसे खाद्य पदार्थों के साथ परोसा जाता है. खाद्य सुरक्षा आयुक्त एवं प्रधान सचिव आर. लालवेना द्वारा जारी राजपत्र अधिसूचना में कहा गया, ‘‘ध्यान में आया है कि कई खाद्य व्यापार संचालक मेयोनेज़ तैयार करने के लिए कच्चे अंडे का उपयोग करते हैं, और उसकी अनुचित तैयारी व भंडारण से सूक्ष्मजीवों द्वारा संदूषण की आशंका बढ़ जाती है,
जिससे सैल्मोनेला टाइफिम्यूरियम, सैल्मोनेला एंटेरिटाइडिस, ई. कोलाई और लिस्टेरिया मोनोसाइटोजेन्स जैसे जीवाणुओं से जन स्वास्थ्य को खतरा होता है.’’ अधिसूचना में कहा गया कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों का उपयोग करते हुए तमिलनाडु के खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने सार्वजनिक स्वास्थ्य हित में राज्य में कच्चे अंडे से मेयोनेज़ के निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री पर एक वर्ष की अवधि के लिए 8 अप्रैल से प्रतिबंध लगाया है.