कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों “वोट अधिकार यात्रा” के जरिए देशभर में लोगों को उनके मताधिकार को लेकर जागरूक करने में जुटे हुए हैं. इस यात्रा में विभिन्न विपक्षी दलों के नेता भी शामिल हो रहे हैं. शनिवार को इस अभियान में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की वरिष्ठ नेता और लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने भी हिस्सा लिया. इस मौके पर उन्होंने मीडिया से बातचीत की और कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी.
वहीं जब पत्रकारों ने रोहिणी आचार्या से INDIA गठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में कहा कि अभी तो गठबंधन की नींव ही नहीं रखी गई है, और लोग यह चर्चा कर रहे हैं कि ‘सुहागरात किसके साथ मनाई जाएगी’.
Patna, Bihar: On NDA leaders questioning why Rahul Gandhi has not declared a Mahagathbandhan's CM face, RJD leader Rohini Acharya says, "…Abhi Shaadi ka baat hi ni chal raha, yaha suhaagrat kis ke saath manayi jaayegi uski baat chal rahi hai kya?…" pic.twitter.com/6XXkA6w37w
— IANS (@ians_india) August 29, 2025
उनका इशारा था कि जब तक गठबंधन पूरी तरह तैयार नहीं होता, तब तक नेता पद को लेकर चर्चा करना बेमतलब है. उन्होंने कहा कि इस समय असली मुद्दा जनता के अधिकारों की लड़ाई है, न कि सत्ता की दौड़. यह बयान उन्होंने बेहद सहज, लेकिन तीखे अंदाज़ में दिया, जो तुरंत मीडिया की सुर्खियों में आ गया.
अपनी बातचीत के दौरान रोहिणी आचार्या ने बिहार की मौजूदा सरकार पर भी हमला बोला. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे तेजस्वी यादव द्वारा की गई घोषणाओं की नकल कर रहे हैं. उनका कहना था कि जब तेजस्वी ने चुनावी मंच से रोजगार और अन्य योजनाओं की बात की, तो नीतीश सरकार ने उन्हीं बातों को थोड़ा बहुत बदलकर लागू करने की कोशिश की. उन्होंने यह भी कहा कि अब जाकर सरकार को नौकरी और रोजगार की याद आई है, लेकिन बीते वर्षों में ऐसा कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया.
रोहिणी आचार्या ने कहा कि बिहार में आज भी आधारभूत सुविधाओं का अभाव है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इतने वर्षों की सत्ता में रहने के बाद भी नीतीश कुमार की सरकार बिहार में एक सुई की फैक्ट्री तक नहीं लगा पाई है. उन्होंने दावा किया कि सारण में जितना भी विकास हुआ है, वह लालू यादव और तेजस्वी यादव की मेहनत का नतीजा है. केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर चुनाव में बड़े-बड़े वादे कर जाते हैं, लेकिन ज़मीन पर कोई बदलाव नहीं दिखता.
गौरतलब है कि रोहिणी आचार्या ने पिछले लोकसभा चुनाव में सारण सीट से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रूडी से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन इस बार वे पूरी तरह आत्मविश्वास से भरी नजर आईं. उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता अब बदलाव चाहती है और इस चुनाव में भाजपा का सफाया तय है.
रोहिणी आचार्या के बयानों से साफ है कि वे चुनावी राजनीति को लेकर बेहद सजग हैं और गठबंधन की रणनीति को जनता के मुद्दों के इर्द-गिर्द रखना चाहती हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री पद की चर्चा को समय से पहले बताया और कहा कि सबसे पहले वोटर के अधिकार, बेरोजगारी, महंगाई और विकास जैसे मुद्दों पर बात होनी चाहिए. उनका यह रुख न सिर्फ राजनीतिक रूप से परिपक्वता दिखाता है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि INDIA गठबंधन जनता की उम्मीदों को केंद्र में रखकर चुनावी रणनीति बना रहा है.

