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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर आजकल हर तरफ चर्चा है. यह टेक्नोलॉजी जितनी फायदेमंद है, उतनी ही चिंता नौकरियों को लेकर भी बढ़ा रही है. इसी विषय पर भारत सरकार के थिंक टैंक, नीति आयोग ने एक रिपोर्ट जारी की है, जो बताती है कि आने वाले 5 सालों में AI की वजह से भारत के टेक सेक्टर में 20 लाख नौकरियां खत्म हो सकती हैं.
लेकिन घबराने की बात नहीं है, क्योंकि इसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि AI की वजह से 40 लाख नई तरह की नौकरियां भी पैदा होंगी.
अगर कुछ नहीं किया, तो बड़ा नुकसान होगा
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, “अगर हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे, तो नौकरियां जानी तय हैं. इसे सिर्फ 20 लाख नौकरियों के तौर पर न देखें. इन 20 लाख लोगों की कमाई से करीब 2 से 3 करोड़ और लोगों का घर चलता है. जब उनकी नौकरी जाएगी, तो बाजार में सामान और सेवाओं की मांग घटेगी, जिसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा.”
उनका कहना है कि अब सवाल यह है कि हम 80 लाख कर्मचारियों वाले टेक सेक्टर में 20 लाख नौकरियां घटाएंगे या इसे बढ़ाकर 1.2 करोड़ तक ले जाएंगे. उन्होंने जोर देकर कहा, “नौकरियों का तरीका बदल रहा है, काम करने के लिए जरूरी स्किल्स बदल रही हैं. इसलिए बड़े बदलाव आने वाले हैं.”
बदल रहा है नौकरियों का बाज़ार
सुब्रमण्यम ने हाल ही में एक बड़ी आईटी कंपनी में हुई छंटनी का उदाहरण दिया, जहां पिछले तीन महीनों में करीब 20,000 लोगों को नौकरी से निकाला गया. उन्होंने कहा कि यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है.
उन्होंने एक इंजीनियरिंग कॉलेज का अनुभव भी साझा किया, जहां पहले बड़ी-बड़ी कंपनियां पूरे बैच को नौकरी दे देती थीं, लेकिन अब हालात बदल गए हैं. पिछले साल कुछ कॉलेजों में 60% छात्रों को नौकरी ही नहीं मिली. कॉलेज के प्लेसमेंट अधिकारी कंपनियों और पुराने छात्रों से एक-एक छात्र को नौकरी पर रखने की गुहार लगा रहे हैं.
समाधान क्या है?
इस चुनौती को अवसर में बदलने के लिए नीति आयोग ने कुछ सुझाव दिए हैं:
- नेशनल एआई टैलेंट मिशन (National AI Talent Mission): एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाए, जिसका मकसद भारत को AI की दुनिया में काम करने वाले लोगों का सबसे बड़ा केंद्र बनाना है.
- सरकार, उद्योग और कॉलेजों में साझेदारी: इस मिशन को सफल बनाने के लिए सरकार, कंपनियों और शिक्षण संस्थानों को मिलकर काम करना होगा ताकि छात्रों को भविष्य के लिए तैयार किया जा सके.
नीति आयोग का लक्ष्य है कि 2035 तक भारत AI टैलेंट और इनोवेशन के मामले में दुनिया का सबसे भरोसेमंद पार्टनर बने.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की सबसे बड़ी ताकत यहां के लोग हैं. हमारे पास 90 लाख से ज़्यादा टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स हैं और दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी है. अब जरूरत है कि हम तेजी, सही नजरिए और तालमेल के साथ काम करें.
नीति आयोग की फेलो, देबजानी घोष ने कहा, “नौकरियां जाएंगी या नई नौकरियां बनेंगी, यह पूरी तरह से हमारे आज के फैसलों पर निर्भर करता है. यह रिपोर्ट हमें एक साफ रास्ता दिखाती है ताकि भारत 2035 तक AI टैलेंट का ग्लोबल सेंटर बन सके.”
संक्षेप में, AI एक बड़ा बदलाव लाने वाला है. यह नौकरियां लेगा भी और देगा भी. सफलता उन्हीं को मिलेगी जो समय रहते नई स्किल्स सीखेंगे और इस बदलाव के लिए खुद को तैयार करेंगे.

