नई दिल्ली, 8 दिसंबर: आने वाले हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार की चाल थोक और खुदरा महंगाई के आंकड़े, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी), कच्चे तेल की कीमत, डॉलर-रुपये में कारोबार और वैश्विक स्तर पर आने वाले आर्थिक डेटा पर निर्भर करेगी. यह जानकारी एक्सपर्ट्स द्वारा रविवार को दी गई.
बीता हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए काफी शानदार रहा. यह लगातार तीसरा हफ्ता था, जब शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ. निफ्टी 2.27 प्रतिशत या 546 अंक की बढ़त के साथ 24,677 और सेंसेक्स 2.39 प्रतिशत या 1,906 अंक की तेजी के साथ 81,709 पर बंद हुआ.
शेयर बाजार में तेजी की वजह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा सकरात्मक कमेंट्री को माना जा रहा है. केंद्रीय बैंक ने दिसंबर की मौद्रिक नीति में कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) को 0.50 प्रतिशत घटाने का ऐलान किया है. इससे बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ेगी. इसके अलावा आरबीआई द्वारा मजबूत मांग और इंडस्ट्रियल ग्रोथ को लेकर भी भरोसा जताया गया.
इसके अतिरिक्त विदेशी निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में खरीदारी करना भी तेजी की एक बड़ी वजह है. पिछले हफ्ते विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) द्वारा भारतीय बाजारों में करीब 12,000 करोड़ रुपये और घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) द्वारा करीब 1,800 करोड़ रुपये की खरीदारी की गई है.
मास्टर ट्रस्ट ग्रुप में निदेशक पुनित सिंघानिया ने कहा कि निफ्टी लगातार 5 हफ्तों तक 21 दिनों के मूविंग एवरेज के नीचे कारोबार करने के बाद दोबारा से इसके ऊपर आ गया है, जो कि तेजी को दिखाता है. निफ्टी के लिए 24,250 एक मजबूत सपोर्ट है. 24,250 के स्टॉपलॉस के साथ 24,500 के करीब खरीदारी करना एक सही फैसला होगा.
आगे कहा कि ऊपरी स्तरों पर 25,000 एक अहम रुकावट का स्तर होगा. अगर निफ्टी में 24,250 का स्तर टूटता है तो 23,900 के स्तर भी आ सकते हैं. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक, प्रवेश गौड़ ने कहा कि बैंक निफ्टी के लिए 53,800 से लेकर 54,000 एक रुकावट का स्तर है. अगर यह 54,000 के ऊपर निकलता है, तो अगला रुकावट का स्तर 54,500 से लेकर 55,000 होगा. गिरावट की स्थिति में 52,600 से लेकर 52,300 एक अहम स्पोर्ट जोन है.
आगे कहा कि डेरिवेटिव बाजार में एफआईआई इंडेक्स फ्यूचर्स में 55 प्रतिशत की शॉर्ट पोजीशन रखते हैं, जबकि पुट-कॉल अनुपात (पीसीआर) 1.03 है, जो शॉर्ट-कवरिंग रैली की संभावना को दर्शाता है. ऐतिहासिक रूप से, दिसंबर बाजार के लिए एक अनुकूल महीना रहा है, जो सकारात्मक चाल के लिए सहायक पृष्ठभूमि प्रदान कर सकता है.