Mallikarjun Kharge – Photo (ANI)
बेंगलुरु, 24 जनवरी : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से कर्नाटक केंद्रीय विश्वविद्यालय, कलबुर्गी से संबंधित प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी देने में तेजी लाने की मांग की, जो वर्तमान में केंद्र के समक्ष लंबित हैं. मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि कर्नाटक केन्द्रीय विश्वविद्यालय न केवल कलबुर्गी और कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के सात जिलों के छात्रों के लिए शिक्षा के केन्द्र के रूप में कार्य करता है, बल्कि सम्पूर्ण कर्नाटक और पड़ोसी राज्यों के कई क्षेत्रों के छात्रों के लिए भी शिक्षा का केन्द्र है. खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी हैं. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय शैक्षिक असमानताओं को दूर करने और विकास के अवसरों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
ऐसे संस्थानों के विकास और वृद्धि के लिए केन्द्र सरकार के सतत वित्तीय और संस्थागत समर्थन की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए खरगे ने कहा कि नए स्नातकोत्तर विभागों, शिक्षण पदों और एचईएफए वित्त पोषण प्रस्ताव की मंजूरी, भारत सरकार से अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव विश्वविद्यालय और क्षेत्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण हैं. पत्र में खरगे ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सांख्यिकी, कृत्रिम बुद्धिमता और मशीन लर्निंग, प्लांट और एनिमल साइंसेज, जेनेटिक्स और जीनोमिक्स, लाइब्रेरी और सूचना विज्ञान और बीए/एलएलबी कार्यक्रम सहित विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों की स्थापना की सिफारिश की है. मामला अभी विचाराधीन है. उन्होंने कहा, “प्रस्तावित विभागों को क्रियान्वित करने के लिए 55 शिक्षण पदों की स्वीकृति आवश्यक है. यह प्रस्ताव भी प्रक्रिया के अंतिम चरण में है और स्वीकृति का इंतजार है.” यह भी पढ़ें : Delhi Assembly Elections 2025: प्रियंका गांधी 26 जनवरी से कर सकती हैं प्रचार अभियान की शुरुआत
खरगे ने यह भी बताया कि विश्वविद्यालय ने उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी (एचईएफए) के तहत लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावासों के निर्माण के साथ-साथ अन्य आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. यह मामला भी विचाराधीन है. उन्होंने कहा, “कल्याण कर्नाटक क्षेत्र के विकास के लिए इन पहलों के महत्व और वंचित तथा अविकसित क्षेत्रों के छात्रों पर इनके महत्वपूर्ण प्रभाव को देखते हुए, मैं आपसे इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने का अनुरोध करता हूं. मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर उक्त प्रस्तावों को देखने और उन्हें मंजूरी देने में तेजी लाने का निर्देश दें.”

