
Credit-(Pixabay)
Maharashtra Rolls Out NEP 2020: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 लागू कर दी है. इसके तहत अब कक्षा 1 से 5 तक तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी पढ़ना अनिवार्य कर दिया गया है. यह नया नियम मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों पर भी लागू होगा, जहां अब तक सिर्फ दो भाषाएं पढ़ाई जाती थीं. राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने बुधवार को इस संबंध में आधिकारिक घोषणा की. साथ ही बताया गया कि नया त्रिभाषा फॉर्मूला और शिक्षा ढांचा शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से लागू किया जाएगा.
इसके अलावा राज्य में 5+3+3+4 का नया स्कूल ढांचा भी शुरू किया जाएगा, जो NEP 2020 का अहम हिस्सा है.
स्कूलों में क्या बदलेगा?
अब तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में सिर्फ दो भाषाएं सिखाई जाती थीं. एक माध्यम की भाषा और दूसरी भाषा. लेकिन अब हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा के तौर पर जोड़ा जा रहा है. वहीं, अन्य माध्यम वाले स्कूलों (जैसे उर्दू, गुजराती आदि) में पहले से ही तीन भाषाएं पढ़ाई जाती हैं. माध्यम भाषा, मराठी और अंग्रेजी.
नई नीति के तहत स्कूलों की पढ़ाई को चार हिस्सों में बांटा गया है:
- बुनियादी स्तर (3 साल प्री-प्राइमरी + कक्षा 1 और 2)
- तैयारी स्तर (कक्षा 3 से 5)
- मध्य स्तर (कक्षा 6 से 8)
- माध्यमिक स्तर (कक्षा 9 से 12)
कौन बनाएगा नया सिलेबस?
इस बदलाव के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) और बालभारती मिलकर नया पाठ्यक्रम, किताबें, सप्लीमेंटरी मटेरियल और एक ‘सेतु सिलेबस’ तैयार करेंगे. ताकि छात्रों को बदलाव में दिक्कत न हो. इसके साथ ही NCERT की किताबों को भी राज्य के हिसाब से बदला जाएगा.
नई पढ़ाई का फोकस क्या रहेगा?
- बुनियादी साक्षरता और गणना पर
- रटे-रटाए ज्ञान को कम करने पर
- संकल्पनात्मक समझ और क्रिटिकल थिंकिंग बढ़ाने पर
- एकीकृत और समग्र शिक्षा देने पर
इसके साथ ही अब छात्रों का मूल्यांकन भी सिर्फ परीक्षा अंकों से नहीं होगा. सरकार होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (HPC) लाने जा रही है, जिसमें छात्रों की शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक प्रगति दोनों को आंका जाएगा.