Maharashtra Government New Education Policy: महाराष्ट्र सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में एक बड़े बदलाव की घोषणा की है. राज्य सरकार ने कहा कि प्रदेश में अब सिर्फ लड़कों या सिर्फ लड़कियों के लिए नए स्कूल खोलने की अनुमति (New Schools Open Permission) नहीं होगी. शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार, सभी नए स्कूल अब सह-शिक्षा प्रणाली (Co-ed School Rules 2025) के तहत संचालित होंगे. सरकार का कहना है कि यह कदम लैंगिक समानता और आपसी सम्मान को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है.
विभाग ने अपने नोटिस में कहा है कि जब लड़के और लड़कियां साथ पढ़ते हैं, तो उनमें समझ और सहयोग की भावना विकसित होती है. इससे बच्चों को समाज में बेहतर संवाद (Better communication) और व्यवहार सीखने में मदद मिलती है.
सरकार के आदेश में क्या कहा गया?
आदेश में यह भी कहा गया है कि जहां एक ही परिसर में अलग-अलग लड़कों और लड़कियों के स्कूल संचालित होते हैं, उन्हें अब एक ही पंजीकरण संख्या वाले सह-शिक्षा स्कूल (Co-Educational School) के रूप में विलय कर दिया जाएगा.
शिक्षा विशेषज्ञों ने दी प्रतिक्रिया
हालांकि, कुछ शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव का सभी जगह एक जैसा प्रभाव नहीं पड़ेगा. अलग स्कूल की स्थापना का उद्देश्य लड़कियों को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना है. सरकार के इस फैसले से स्कूलों में लड़कियों की संख्या में कमी आ सकती है.
अंजुमन समूह ने फैसले पर जताई हैरानी
वहीं, मुंबई स्थित अंजुमन इस्लाम समूह (Anjuman Islam Group) के शिक्षा निदेशक अत्तर ऐनुल ने चेतावनी दी कि यह नीति हर समुदाय पर समान रूप से लागू नहीं हो सकती है. उन्होंने कहा, “कुछ पारंपरिक परिवार अपनी बेटियों को सह-शिक्षा स्कूलों में भेजने से हिचकिचाते हैं, जिससे स्कूल छोड़ने की दर बढ़ सकती है.”

