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मशहूर सोशल एक्टिविस्ट और इंजीनियर सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. उनकी पत्नी गीतांजलि जे अंगमो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने पति की रिहाई की मांग की है. सोनम वांगचुक को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत जोधपुर में गिरफ्तार किया गया है.
पत्नी ने पुलिस के दावों को नकारा
गीतांजलि ने पुलिस के उन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि सोनम वांगचुक किसी पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के संपर्क में थे. उन्होंने लद्दाख पुलिस पर एक खास “एजेंडे” के तहत काम करने का आरोप लगाया है.
गीतांजलि ने कहा, “डीजीपी जो भी कह रहे हैं, उसके पीछे उनका एक एजेंडा है. वे किसी भी कीमत पर छठी अनुसूची (6th Schedule) को लागू नहीं करना चाहते और किसी को बलि का बकरा बनाना चाहते हैं.”
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को लिखा पत्र
बुधवार को गीतांजलि ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह और लद्दाख के उपराज्यपाल समेत कई बड़े अधिकारियों को पत्र लिखा. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले एक महीने से सोनम वांगचुक को परेशान किया जा रहा है ताकि उनकी हिम्मत को तोड़ा जा सके. उन्होंने कहा, “वांगचुक कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं हो सकते, अपने देश के लिए तो बिल्कुल भी नहीं.”
पत्नी ने उठाए सवाल
गीतांजलि ने अपने पत्र में कई गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा:
- क्या मुझे अपने पति से फोन पर बात करने या मिलने का अधिकार नहीं है?
- क्या मुझे यह जानने का अधिकार नहीं है कि मेरे पति किस हाल में हैं, जिनसे 26 सितंबर से कोई संपर्क नहीं हुआ है?
- क्या एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक होने के नाते हमें शांति से अपनी बात रखने और घूमने की आजादी नहीं है?
क्यों हुई थी गिरफ्तारी?
सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को NSA के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेज दिया गया था. यह गिरफ्तारी लेह में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद हुई, जिसमें कम से कम चार लोगों की जान चली गई थी. प्रदर्शनकारी लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. इस हिंसा के सिलसिले में अब तक कुल 44 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

