Terrorism Insurance India
देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले के पास हुए हालिया धमाके ने लोगों के मन में सुरक्षा और बीमा से जुड़े कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आम लोगों के मन में यह शंका बढ़ गई है कि – क्या उनकी जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policy) ऐसी आतंकवादी घटनाओं में भी कवरेज प्रदान करती है? आइए जानते हैं, क्या आपकी मानक जीवन बीमा पॉलिसी (Standard Life Insurance Policy) आतंकवादी हमले से हुए नुकसान को कवर करती है या इसके लिए अलग पॉलिसी या एड-ऑन की आवश्यकता होती है.
क्या जीवन बीमा पॉलिसी आतंकवादी घटनाओं को कवर करती है?
आतंकवादी घटनाएं भले ही बहुत कम होती हैं, लेकिन जब होती हैं, तो वे भारी तबाही मचाती हैं – चाहे वह संपत्ति का नुकसान हो या मानव जीवन का हो. आमतौर पर वाहनों और संपत्तियों के बीमा में प्राकृतिक आपदाओं और आतंकवादी घटनाओं से हुए नुकसान का कवरेज शामिल होता है. लेकिन जब बात जीवन बीमा (Life Insurance) की आती है, तो लोगों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है, की क्या ऐसी घटनाओं से हुई मौत को भी बीमा पॉलिसी कवर करती है?
दरअसल, भारत में उपलब्ध अधिकांश जीवन बीमा पॉलिसियां (Life Insurance Policies) आतंकवादी हमलों में हुई मृत्यु को कवर करती हैं, बशर्ते कि आपकी पॉलिसी में इस तरह की घटनाओं को ‘एक्सक्लूड (Exclude)’ नहीं किया गया हो. यानी अगर किसी व्यक्ति की मौत किसी आतंकी हमले में होती है, तो उसका नामांकित व्यक्ति (Nominee) बीमा राशि प्राप्त करने का पूरा अधिकार रखता है.
इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले उसकी शर्तों और अपवादों (Terms & Exclusions) को ध्यानपूर्वक पढ़ना बहुत जरूरी है, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति में परिवार को आर्थिक सुरक्षा मिल सके.
क्या इसके लिए अलग बीमा या एड–ऑन लेना जरूरी है?
सभी जीवन बीमा पॉलिसियां अपने-आप आतंकवादी घटनाओं को कवर नहीं करतीं है. कई बीमा कंपनियां इसके लिए अलग से ‘टेररिज्म कवर’ (Terrorism Cover) या स्पेशल एड-ऑन (Special Add-on) की सुविधा देती हैं. अगर आपकी मौजूदा पॉलिसी में यह कवर शामिल नहीं है, तो आपको इसे अलग से खरीदना पड़ सकता है.
कई पॉलिसियों में यह विकल्प होता है, कि आप चाहें तो इस कवर को शामिल करें या छोड़ दें. इसलिए, जब भी आप नई पॉलिसी खरीदें या पुरानी पॉलिसी को रिन्यू करवाएं, तो यह जरूर जांचें कि उसमें आतंकवादी घटनाओं का कवरेज (Terrorism Coverage) शामिल है या नहीं. ऐसा करने से आप भविष्य में किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति में आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेंगे.
भारतीय बाजार में ‘टेररिज्म रिस्क इंश्योरेंस पूल’ की स्थापना
अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमले के बाद दुनियाभर की बीमा कंपनियों ने अपनी नीतियों में बड़े बदलाव किए. इसी कड़ी में भारत में अप्रैल 2002 में ‘इंडियन मार्केट टेररिज्म रिस्क इंश्योरेंस पूल’ (Indian Market Terrorism Risk Insurance Pool) की स्थापना की गई. इस पूल का संचालन जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (GIC Re) द्वारा किया जाता है.
इस व्यवस्था के तहत देशभर की सभी बीमा कंपनियां मिलकर आतंकवादी घटनाओं से जुड़े जोख़िम (Risks) को साझा करती हैं. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है, कि ऐसी घटनाओं में प्रभावित लोगों और संपत्तियों को बीमा कवरेज मिल सके और कंपनियों पर एकतरफा वित्तीय बोझ न पड़े.
हर साल इस पूल में कितना प्रीमियम जमा होता है?
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन मार्केट टेररिज्म रिस्क इंश्योरेंस पूल में हर साल बीमा कंपनियों द्वारा करोड़ों रुपये प्रीमियम के रूप में जमा किए जाते हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में इस पूल को 1,654.63 करोड़ रुपये का प्रीमियम प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष के 1,809 करोड़ रुपये की तुलना में थोड़ा कम था.
दिलचस्प बात यह है कि, इस अवधि में आतंकी घटनाओं से जुड़े केवल 3.12 करोड़ रुपये के दावे निपटाए गए. इसका सीधा मतलब है, कि उस साल देश में किसी बड़े पैमाने की आतंकवादी घटना से भारी नुकसान नहीं हुआ था.
2,000 करोड़ रुपये तक का कवरेज
इस ‘टेररिज्म इंश्योरेंस पूल’ के तहत बीमा कंपनियां किसी एक स्थान पर हुए आतंकवादी हमले से हुए नुकसान के लिए अधिकतम 2,000 करोड़ रुपये तक का कवरेज प्रदान कर सकती हैं. अगर किसी व्यक्ति या संस्था को इससे ज्यादा सुरक्षा (कवरेज) की आवश्यकता होती है, तो उन्हें इसके लिए अलग से एक विशेष बीमा पॉलिसी खरीदनी पड़ती है.
इस एड-ऑन कवरेज में स्फोट (Explosion), आग (Fire), या इमारतों और संपत्ति को हुए नुकसान (Property Damage) जैसे जोखिमों को शामिल किया जाता है.
बीमा कंपनियों के नियम क्या कहते हैं?
सामान्य रूप से देखा जाए तो जीवन बीमा पॉलिसी आतंकवादी घटनाओं में हुई मौत को कवर करती है, बशर्ते कि पॉलिसी दस्तावेज़ में इसे स्पष्ट रूप से बाहर न किया गया हो. हालांकि, अगर पॉलिसीधारक खुद किसी दंगे, हिंसक गतिविधि या आतंकवादी कार्रवाई में शामिल पाया जाता है, तो बीमा कंपनी दावा (Claim) अस्वीकार कर सकती है.
इसके अलावा, युद्ध, विदेशी सैन्य कार्रवाई या सशस्त्र संघर्ष (War or Armed Conflict) जैसी परिस्थितियों से हुई मृत्यु को आमतौर पर कवर में शामिल नहीं किया जाता है.
लाल किले के पास हुए धमाके के बाद यह सवाल स्वाभाविक है, कि ‘क्या मेरा जीवन बीमा मुझे ऐसी घटनाओं में सुरक्षा देगा?’
इसका जवाब है – हाँ, अधिकांश जीवन बीमा पॉलिसियां आतंकवादी घटनाओं से हुई मृत्यु को कवर करती हैं, लेकिन इसके लिए अपनी पॉलिसी के नियम और शर्तें ध्यान से पढ़ना बेहद जरूरी है. अगर आपकी मौजूदा पॉलिसी में यह कवरेज शामिल नहीं है, तो आप एक छोटा-सा ‘टेररिज्म कवर’ या ‘एड-ऑन’ लेकर अपनी सुरक्षा को और मजबूत बना सकते हैं.

