नई दिल्ली: सऊदी अरब (Saudi Arabia) और पाकिस्तान (Pakistan) के बीच हाल ही में हुए रणनीतिक रक्षा समझौते पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है. विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को कहा कि भारत को उम्मीद है कि रियाद इस डील को लागू करते समय आपसी हितों और क्षेत्रीय संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखेगा. यह समझौता ऐसे समय आया है जब खाड़ी क्षेत्र और पश्चिम एशिया में सुरक्षा समीकरण तेजी से बदल रहे हैं.
ट्रंप की अब सबसे अच्छे दोस्त से तकरार, नाराजगी में अपशब्द तक कह गए अमेरिकी राष्ट्रपति.
MEA प्रवक्ता रणधीर जायसवाल (Randhir Jaiswal) ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, “भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है, जो पिछले कई वर्षों में काफी गहरी हुई है. हमें उम्मीद है कि यह साझेदारी आपसी हितों और संवेदनशीलताओं का ध्यान रखेगी.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत इस डिफेंस डील के प्रभावों का अध्ययन करेगा और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा.
पाकिस्तान-सऊदी डिफेंस डील पर विदेश मंत्रालय
#WATCH | On the Saudi Arabia-Pakistan Agreement, MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, “India and Saudi Arabia have a wide-ranging strategic partnership which has deepened considerably in the last several years. We expect that this strategic partnership will keep in mind mutual… pic.twitter.com/qxoTg3XzN2
— ANI (@ANI) September 19, 2025
रणनीतिक डिफेंस डील की अहमियत
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुआ यह डिफेंस समझौता कहता है कि किसी एक देश पर हमला, दोनों पर हमला माना जाएगा. यह डील लगभग आठ दशकों पुराने रिश्तों पर आधारित है, जिसे भाईचारे, इस्लामिक एकजुटता और साझा रणनीतिक हितों से जोड़कर देखा जा रहा है. यह डील ऐसे समय आई है जब हाल ही में इज़राइल ने कतर में हमास नेतृत्व पर हमला किया था, जिससे खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है.
क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर
यह समझौता सिर्फ पाकिस्तान और सऊदी अरब तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर पूरे दक्षिण एशिया और खाड़ी क्षेत्र पर पड़ सकता है. विशेषज्ञ मानते हैं कि इस कदम से क्षेत्रीय समीकरणों में बदलाव आ सकता है और भारत को अपनी सुरक्षा और कूटनीतिक रणनीतियों को लेकर सतर्क रहना होगा.
विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा. जायसवाल ने कहा, “हम इस विकास के निहितार्थों का अध्ययन करेंगे, ताकि यह समझा जा सके कि इसका हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता पर क्या प्रभाव पड़ेगा.”

