India and Pakistan DGMOs Talked
नई दिल्ली: भारत जल्द ही FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) से पाकिस्तान को दोबारा उसकी “ग्रे लिस्ट” में शामिल करने की मांग कर सकता है. यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र के हवाले से Reuters ने दी है. यह कदम ऐसे समय में सामने आ रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते एक बार फिर तनावपूर्ण हो गए हैं. FATF की ग्रे लिस्ट में वे देश शामिल होते हैं जो आतंकवाद को फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर मामलों में संदेह के घेरे में होते हैं. जब कोई देश इस लिस्ट में आता है, तो इसका मतलब होता है कि उसने इन समस्याओं को हल करने का वादा किया है, लेकिन उस पर अब भी सख्त निगरानी रखी जाएगी.
इस समय 25 देश FATF की ग्रे लिस्ट में हैं. पाकिस्तान को 2022 में इस लिस्ट से बाहर किया गया था, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय साख को थोड़ी राहत मिली थी. लेकिन अब भारत फिर से उसे इस निगरानी सूची में शामिल कराने की दिशा में बढ़ रहा है.
FATF में वापसी से लगेगा पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को झटका
अगर पाकिस्तान फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में आ जाता है, तो इसका सीधा असर उसके अंतरराष्ट्रीय निवेश, लोन और आर्थिक साख पर पड़ेगा. IMF, वर्ल्ड बैंक और अन्य वैश्विक संस्थाएं ग्रे लिस्ट वाले देशों को लोन देने से पहले कई बार सोचती हैं, जिससे उसकी पहले से संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था और नीचे जा सकती है.
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IMF और वर्ल्ड बैंक फंडिंग पर भी ऐतराज
भारत ने IMF और वर्ल्ड बैंक की ओर से पाकिस्तान को दिए जा रहे आर्थिक सहयोग पर भी आपत्ति जताई है. एक सूत्र के अनुसार, भारत ने IMF को साफ कहा है कि पाकिस्तान हर बार लोन मिलने के बाद हथियारों की खरीद बढ़ा देता है, जिससे सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है.
हाल ही में, IMF ने पाकिस्तान को 1 बिलियन डॉलर का लोन जारी किया है और बताया कि पाकिस्तान ने सभी तय शर्तें पूरी कर ली थीं. हालांकि, इस लोन के बदले में पाकिस्तान को 11 नई सख्त शर्तें दी गई हैं, जिनमें संसद से मंजूरी लेना, बिजली बिलों में सरचार्ज बढ़ाना और आयात पर लगी बंदिशें हटाना शामिल है.
पीएम मोदी ने दी सख्त चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के बीकानेर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान को खुली चेतावनी दी. उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यात करता रहा, तो उसे हर पैसे के लिए भीख मांगनी पड़ेगी.”
पीएम मोदी ने कहा कि पाकिस्तान कभी भी सीधी लड़ाई में भारत को नहीं हरा सकता, इसलिए उसने आतंकवाद को अपना हथियार बना लिया है. लेकिन अब हर आतंकी हमले की कीमत पाकिस्तान की सेना और उसकी अर्थव्यवस्था दोनों को चुकानी पड़ेगी.

