Income Tax Filing
Income Tax Return Filing Deadline: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की अंतिम तारीख अब बहुत नज़दीक आ गई है. जिन टैक्सपेयर्स को बिना ऑडिट के आईटीआर फाइल करना है, उन्हें यह प्रक्रिया 15 सितंबर 2025 तक पूरी करनी होगी. रिपोर्ट के अनुसार, 7 सितंबर 2025 तक असेसमेंट ईयर 2025-26 (AY26) के लिए करीब 4.9 करोड़ लोगों ने रिटर्न फाइल किया है. इनमें से 4.6 करोड़ आईटीआर वेरिफाई हो चुके हैं, और 3.3 करोड़ से ज्यादा रिटर्न प्रोसेस भी किए जा चुके हैं.
यह आंकड़े साफ़ दिखाते हैं, कि बड़ी संख्या में लोग समय से पहले अपनी टैक्स जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं, लेकिन जो अभी तक रिटर्न नहीं भर पाए हैं, उनके पास अब बहुत कम समय बचा है.
क्यों ज़रूरी है आईटीआर फाइल करना?
बहुत से लोग यह सोचकर गलती कर बैठते हैं, कि अगर उनकी आय टैक्स योग्य सीमा से कम है या उन्होंने समय रहते पूरा टैक्स भर दिया है, तो उन्हें आईटीआर फाइल करने की आवश्यकता नहीं है. लेकिन ऐसा मानना बिल्कुल गलत है. आयकर विभाग के अनुसार, आईटीआर फाइल करना हर हाल में ज़रूरी है. सरकार आपके टैक्स भुगतान को तभी मान्यता देती है, जब आप रिटर्न दाखिल करके उसे वेरिफाई करते हैं. अगर ऐसा नहीं किया गया, तो पूरी प्रक्रिया अधूरी रह जाती है, और आप पर जुर्माना या अन्य कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
नियम के मुताबिक, हर उस व्यक्ति को आईटीआर फाइल करना ज़रूरी है जिसकी आय (किसी भी छूट और कटौती से पहले) टैक्स छूट सीमा से अधिक हो. इतना ही नहीं, अगर आपकी कोई आय नहीं है या आपने नुकसान उठाया है, तब भी रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है ताकि उस नुकसान को आगे की आय में एडजस्ट किया जा सके.
आईटीआर समय पर न भरने पर क्या होगा?
अगर आप निर्धारित समय सीमा तक आईटीआर दाखिल नहीं करते हैं, तो बाद में लेट रिटर्न भरने का विकल्प तो मिलता है, लेकिन इसके साथ जुर्माना भी देना पड़ता है. जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये से अधिक है, उनके लिए लेट फीस 5,000 रुपये तक हो सकती है, जबकि जिनकी आय 5 लाख रुपये या उससे कम है, उनके लिए पेनाल्टी अधिकतम 1,000 रुपये रखी गई है.
इतना ही नहीं, टैक्स का भुगतान न करने पर ब्याज, अतिरिक्त पेनाल्टी और यहां तक कि कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है. टैक्स चोरी की स्थिति में 3 महीने से 2 साल तक की जेल हो सकती है, और यदि बकाया टैक्स की राशि 25 लाख रुपये से अधिक हो जाती है, तो सज़ा बढ़ाकर 6 महीने से 7 साल तक हो सकती है.
आईटीआर फाइल करने के फायदे
भले ही आपकी आय टैक्स योग्य सीमा से कम हो, फिर भी आईटीआर फाइल करना आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. यह आपके आय का आधिकारिक सबूत होता है, जिसे बैंक और वित्तीय संस्थान लोन या क्रेडिट कार्ड देते समय प्राथमिकता से देखते हैं. इसके अलावा, यदि आपने ज़्यादा टैक्स भर दिया है, तो रिफंड का दावा करने के लिए भी आईटीआर आवश्यक है. आईटीआर फाइल करने से आप अपने पुराने नुकसान को आगे कैरी फॉरवर्ड (Carry Forward) कर सकते हैं, जिससे आने वाले वर्षों में टैक्स देनदारी कम हो सकती है. साथ ही यह आपको भविष्य में संभावित टैक्स नोटिस से बचाने में मदद करता है.
इतना ही नहीं, कई देशों में वीज़ा प्रोसेसिंग के दौरान भी आईटीआर की कॉपी मांगी जाती है. इसलिए यदि आपने अब तक आईटीआर फाइल नहीं किया है, तो आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 से पहले इसे ज़रूर पूरा करें, वरना भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

