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संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर फटकार लगाई है. जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने की कोशिश की, तो भारत ने उसे आईना दिखाते हुए कहा कि वह पहले अपने गिरेबान में झांके. भारत ने पाकिस्तान को उसके अपने इलाकों और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हो रहे मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन को रोकने की नसीहत दी.
यह कड़ा जवाब UN में भारत के स्थायी प्रतिनिधि (Permanent Representative), परवथानेनी हरीश ने दिया. वह मानवाधिकारों पर हो रही एक बैठक में बोल रहे थे.
‘J&K हमारा अटूट हिस्सा है’
राजदूत हरीश ने बहुत साफ और कड़े शब्दों में कहा, “केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर भारत का एक अभिन्न और अटूट हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.”
उन्होंने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर के लोग भारत की पुरानी लोकतांत्रिक परंपराओं और संविधान के तहत अपने मौलिक अधिकारों का पूरा इस्तेमाल करते हैं. हम अच्छी तरह जानते हैं कि ये बातें (लोकतंत्र और अधिकार) पाकिस्तान के लिए बिल्कुल नई और अजीब हैं.”
PR @AmbHarishP delivered 🇮🇳’s statement at the @UN Security Council Open Debate on ‘The United Nations Organization: Looking into the Future.’
Link to the full statement – https://t.co/A00znzkxqK@MEAIndia @IndianDiplomacy @DrSJaishankar pic.twitter.com/L2o77qEtSD
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) October 25, 2025
‘पाकिस्तान अपने घर में हो रहे अत्याचार रोके’
भारत ने पाकिस्तान से कहा कि वह अपने अवैध कब्जे वाले इलाकों में गंभीर और लगातार हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को तुरंत बंद करे. भारतीय राजदूत ने कहा कि उन इलाकों की जनता पाकिस्तान के सैन्य कब्जे, दमन, क्रूरता और संसाधनों के अवैध दोहन के खिलाफ खुलेआम विद्रोह कर रही है.
भारत ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे इलाकों में हो रहे अत्याचारों का भी जिक्र किया. भारत ने बताया कि कैसे वहां जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों (minorities) पर लंबे समय से अत्याचार हो रहा है और उन्हें राजनीतिक तौर पर दबाया जा रहा है.
भारत ने UN से मांग की कि पाकिस्तान को वहां हो रही न्यायेतर हत्याओं (extrajudicial killings), लोगों को जबरन गायब करने और धार्मिक आजादी पर रोक लगाने जैसे मामलों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए.
‘आरोप लगाने की बजाय आतंकी ढांचे खत्म करो’
भारतीय दूत ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को अपने पड़ोसियों पर बेबुनियाद आरोप लगाने के बजाय, अपनी सीमाओं के भीतर पल रहे आतंकी ढांचों को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.
UN के काम पर भी उठाए सवाल
राजदूत हरीश ने UN के कामकाज के तरीके पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि पिछले महीने हुई UN की हाई-लेवल मीटिंग ‘सिर्फ अपने आप में सिमटी हुई’ लगी. ऐसा लगा कि UN का ध्यान दुनिया की बड़ी मुश्किलों पर बड़े सुधार करने के बजाय, घटते पैसे और दफ्तरशाही (bureaucratic) के जोड़-तोड़ पर ज्यादा था.
उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि हम छोटी-मोटी बातों से आगे बढ़ें और इस संगठन (UN) के भविष्य के लिए एक नई सोच तैयार करें.”
‘पूरी दुनिया एक परिवार है’
आखिर में, भारतीय राजदूत ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (यानी पूरी दुनिया एक परिवार है) का विजन पेश किया. उन्होंने कहा कि भारत इसी सोच पर चलता है. आज दुनिया के सामने महामारी, आतंकवाद, आर्थिक अस्थिरता और जलवायु परिवर्तन जैसी जो चुनौतियां हैं, वे सब एक-दूसरे से जुड़ी हैं. इसलिए हमें अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना होगा. उन्होंने सभी देशों से अपील की कि वे UN को नए युग के लिए ‘उद्देश्य के लायक’ (Fit For Purpose) बनाने के लिए हाथ मिलाएं.

