Hariom Valmiki Raebareli News: उत्तर प्रदेश के रायबरेली से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक खबर सामने आई है. यहां एक 40 साल के दलित युवक, हरिओम वाल्मीकि (Hariom Valmiki Murder) को भीड़ ने ड्रोन चोर समझकर 2 घंटे तक बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई. इस घटना की सबसे दुखद बात यह है कि पिटाई से कुछ घंटे पहले पुलिस को हरिओम के बारे में पता चला था, लेकिन उसकी मानसिक हालत ठीक न देखकर पुलिस उसे वहीं छोड़कर चली गई.
इस क्रूर हत्या पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता विपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक साथ बयान जारी कर इसकी कड़ी निंदा की है. उन्होंने इसे देश के संविधान और दलित समुदाय के खिलाफ एक घोर अपराध बताया है.
कौन थे हरिओम और उस रात क्या हुआ था? (Hariom Valmiki Mob Lynching)
हरिओम वाल्मीकि फतेहपुर के रहने वाले थे और उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. 1 अक्टूबर की शाम वह एक तेरहवीं के भोज में गए थे, लेकिन वहां से लौटते समय अपने साथियों से बिछड़कर रास्ता भटक गए. भटकते-भटकते वह रायबरेली के गदागंज इलाके में पहुँच गए.
पुलिस की बड़ी लापरवाही: सब पता था, फिर भी अकेला छोड़ दिया
रात करीब 10 बजे, एक ढाबे के पास कुछ लोगों ने हरिओम को शक के आधार पर घेर लिया. लोगों को लगा कि वह ड्रोन उड़ाने वाला कोई चोर है. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने जब हरिओम से बात की तो उन्हें समझ आ गया कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है. लेकिन, उसे थाने ले जाने या किसी सुरक्षित जगह पहुँचाने के बजाय, पुलिस उसे उसी भीड़ के पास अकेला छोड़कर चली गई.
कांग्रेस अध्यक्ष श्री @kharge व नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi का संयुक्त वक्तव्य:
रायबरेली में दलित युवक हरिओम वाल्मीकि की निर्मम और क्रूर हत्या की कांग्रेस पार्टी कड़ी से कड़ी निंदा करती है।
हमारे देश में एक संविधान है, जो हर इंसान को समानता के भाव से पहचानता है। एक कानून है,… pic.twitter.com/zSMsO0Lt7N
— Srinivas BV (@srinivasiyc) October 7, 2025
दूसरा गांव, वही शक और 2 घंटे का टॉर्चर
पुलिस के जाने के बाद, हरिओम वहां से करीब 10 किलोमीटर दूर ईश्वरदासपुर गांव पहुंचा. यहां भी कुछ लोगों ने उसे ड्रोन चोर समझकर पकड़ लिया. इसके बाद जो हुआ, वो सुनकर किसी का भी दिल दहल जाएगा.
गांव के 15 से ज्यादा लोगों ने हरिओम को एक तखत पर बांध दिया और लाठी, डंडों, और बेल्ट से पीटना शुरू कर दिया. यह सिलसिला करीब 2 घंटे तक चलता रहा. भीड़ उसे तब तक मारती रही जब तक कि उसका शरीर सुन्न नहीं पड़ गया. बताया जा रहा है कि पिटाई के दौरान जब दर्द से कराहते हुए हरिओम के मुंह से कांग्रेस नेता “राहुल गांधी” का नाम निकला, तो भीड़ ने उसका मज़ाक उड़ाया और उसे और ज़्यादा पीटने लगी.
इस बेरहमी पिटाई से हरिओम के शरीर के हर हिस्से पर गहरे ज़ख्म हो गए और आखिरकार उसने दम तोड़ दिया.
इस मामले में पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया है, लेकिन यह घटना समाज और कानून-व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े करती है. अगर पुलिस ने समय पर अपनी ज़िम्मेदारी निभाई होती, तो शायद आज हरिओम ज़िंदा होता.

