Gurgaon fake Pocso case (Photo- Pixabay)
Gurgaon Fake Pocso Case: गुड़गांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला वकील, उसका पति और एक गुब्बारा बेचने वाले व्यक्ति को ब्लैकमेलिंग और फर्जी पॉक्सो केस बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह उन पुरुषों को निशाना बनाता था जो अपनी शादीशुदा जिंदगी में विवादों से गुजर रहे थे.
वकील ने पति और साथी के साथ मिलकर रचा था ब्लैकमेलिंग का जाल
गुड़गांव पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में सेक्टर-72 की रहने वाली वकील गीतिका चावला, उसका पति हर्ष कुमार और उनका सहयोगी हनुमान शामिल हैं. पुलिस ने इन तीनों को 17 घंटे की लंबी रेड के बाद पकड़ा. छापेमारी में पुलिस को 1.1 करोड़ रुपये नकद, करीब 2.9 करोड़ रुपये का सोना, फर्जी दस्तावेज, नकली आधार कार्ड और कई मोबाइल फोन बरामद हुए हैं. आयकर विभाग ने भी इस मामले में समानांतर जांच शुरू कर दी है.
ऐसे फंसाते थे लोगों को जाल में
पुलिस जांच में सामने आया कि वकील गीतिका उन पुरुषों से संपर्क करती थी जो तलाक या वैवाहिक विवादों में उलझे होते थे. वह पहले उन्हें कानूनी मदद का भरोसा दिलाकर उनका विश्वास जीतती थी. इसके बाद, अपने पति और हनुमान के साथ मिलकर उनके खिलाफ फर्जी पॉक्सो या रेप के केस दर्ज करवाती थी. अगर कोई व्यक्ति समझौते की रकम देने से इंकार करता, तो उसे झूठे केस में फंसा दिया जाता था.
फर्जी शिकायत से खुला राज
यह पूरा मामला तब खुला जब एक व्यक्ति, विशाल अग्रवाल, जो गीतिका का क्लाइंट था, अचानक पॉक्सो केस में फंस गया. जांच के दौरान पता चला कि शिकायत दर्ज कराने वाला ‘रोहित’ नाम का व्यक्ति असल में हनुमान था. पुलिस ने जब डिजिटल जांच की तो पाया कि हनुमान पहले भी चोरी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है. आगे की जांच में कई फर्जी दस्तावेज, कॉल रिकॉर्ड और चैट सामने आए, जिनसे गिरोह की साजिश का खुलासा हुआ.
पुलिस ने किया बड़ा खुलासा, कई केस दोबारा खुलेंगे
डीसीपी हितेश यादव ने बताया कि यह गिरोह फर्जी कानूनी मामलों के जरिए लोगों से पैसे वसूलता था. पुलिस अब उन तीन मामलों की फिर से जांच कर रही है जिनमें झूठे आरोप लगाए गए थे. साथ ही, कुछ और पीड़ितों के सामने आने की संभावना है. पुलिस गीतिका की वकालत से जुड़ी सर्टिफिकेशन की भी जांच कर रही है.
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई इस गिरोह का शिकार हुआ है तो वह सामने आकर शिकायत दर्ज कराए. ऐसे अपराध कानून की गंभीरता को कम करते हैं और निर्दोष लोगों की जिंदगी बर्बाद कर देते हैं.

