अमेरिका ने भारत के साथ अपने रिश्तों को “ऐतिहासिक, महत्वपूर्ण और दूरगामी” बताते हुए कहा है कि व्यापारिक मतभेदों के बावजूद दोनों देशों की साझेदारी मजबूत है. भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका और भारत का रिश्ता एक साझा दृष्टिकोण से जुड़ा है. एक सुरक्षित, समृद्ध और शांतिपूर्ण इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए. टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया, रुबियो ने कहा कि भारत-अमेरिका सहयोग सिर्फ राजनीति या रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उद्योग, इनोवेशन, नई और उभरती तकनीकों, और अंतरिक्ष तक फैला हुआ है.
ट्रंप और पुतिन की मुलाकात पर भारत सहित पूरी दुनिया की नजर, टैरिफ पर बन जाएगी बात?
हाल ही में दोनों देशों ने एक संयुक्त अंतरिक्ष मिशन (NISAR सैटेलाइट) लॉन्च किया, जो पृथ्वी की सतह और बर्फ में होने वाले बदलावों की निगरानी करेगा और जलवायु परिवर्तन जैसे खतरों को समझने में मदद करेगा.
ट्रंप प्रशासन की ‘पाकिस्तान नीति’ पर सवाल
दिलचस्प बात यह है कि भारत-अमेरिका के बीच यह सकारात्मक माहौल उस समय है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने पाकिस्तान की ओर अप्रत्याशित रुख अपनाया है. रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान के तेल, गैस और खनिज संसाधनों को लेकर निजी अमेरिकी कारोबारी हित इसमें बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. आलोचकों का मानना है कि यह ‘रणनीतिक कदम’ चीन के प्रभाव को कम करने और ईरान पर दबाव बनाने की कोशिश भी है.
क्या है भारत का दृष्टिकोण
भारत के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि व्हाइट हाउस और बाकी अमेरिकी प्रशासन के बीच समन्वय की कमी है. व्यापार विवाद के अलावा, सुरक्षा और मिलिट्री-टेक्नोलॉजी के मामलों में सहयोग सामान्य रूप से जारी है. हालांकि, अमेरिकी मीडिया और विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर ट्रंप प्रशासन का यह झुकाव भारत-अमेरिका रिश्तों को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचा सकता है.

