हमीरपुर जिले के एक छोटे से गांव इटायल में रहने वाली 16 वर्षीय डॉली इन दिनों पूरे इलाके में रहस्य और कौतूहल का केंद्र बन चुकी है। वजह है उसे पिछले तीन सालों में एक ही उंगली में सात बार अलग-अलग सांपों ने डसा है।
यह सिलसिला तब शुरू हुआ जब डॉली सिर्फ 13 साल की थी। खेत में काम करते वक्त पहली बार सांप ने उसकी उंगली पर वार किया। इसके बाद दीपावली के बाद भाई दूज के दिन, फिर बहन की ससुराल में हर बार वही कहानी, वही जहर और वही उंगली। हर बार डॉली की हालत बिगड़ती, मुंह से झाग निकलता और फिर अस्पताल में इलाज के बाद चमत्कारिक रूप से वह बच जाती।
डॉली की मां अहिल्या रानी अब हर दिन डर के साए में जीती हैं। वो बताती हैं कि उनकी बेटी को अब सपनों में भी सांप दिखाई देते हैं कई बार तो सपने में ही ऐसा लगता है कि सांप ने काट लिया और नींद में ही हालत बिगड़ जाती है। सपनों के ये डंक भी असली जहर जैसे असर दिखाते हैं।
इतनी बार एक ही अंगुली में डंक लगने के बाद अब गांव वाले इस घटना को विज्ञान से नहीं, किसी दैवीय संकेत, काले जादू या पिछले जन्म के कर्मों से जोड़कर देखने लगे हैं। डॉली को ओझाओं, तांत्रिकों और झाड़-फूंक वालों से दिखाया गया, मगर रहस्य जस का तस बना है। सांप हैं कि हर मर्तबा उसे पहचान लेते हैं और निशाना फिर वही उंगली बनती है।
चर्चा है कि रिश्तेदारी में जाने के बाद भी किशोरी को सांप (Snake) काट लेता है, जिसके बाद परिवारवाले किशोरी का झाड़-फूंक व इलाज कराने के लिए मजबूर हो जाते हैं। जानकारी के मुताबिक, युवती को खेत में धनिया काटते समय पहली बार सांप ने उंगली में काटा था।
हर बार की तरह इस बार भी डॉली को बचा लिया गया है। परिजनों ने समय रहते अस्पताल पहुंचाया और डॉक्टरों ने उसे फिर एक बार मौत के मुंह से खींच लिया। लेकिन अब डर, चिंता और बेचैनी उसके पूरे परिवार पर हावी है। डॉली की यह अनोखी कहानी अब आसपास के इलाकों में फैल चुकी है। कुछ लोग इसे ‘नागिन का श्राप’ मानते हैं तो कुछ कहते हैं, “यह कोई पुनर्जन्म का खेल है।” वैज्ञानिक नजरिया कहता है कि शायद कोई दुर्लभ फेरोमोनिक या सांप-अलर्जी संबंधी प्रतिक्रिया हो सकती है, लेकिन सात बार एक ही उंगली? यह सवाल जस का तस है।

