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देहरादून में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां डिलीवरी के दौरान डॉक्टरों की लापरवाही ने एक महिला की जान ले ली. 26 वर्षीय ज्योति पाल की मौत के बाद उनके पति ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान उनके पेट के अंदर बैंडेज छोड़ दिया था, जो संक्रमण का कारण बना और अंततः उनकी मृत्यु हो गई. यह घटना देहरादून के एक निजी अस्पताल आई एंड मदर केयर सेंटर की है, जहां जनवरी 2025 में ज्योति ने सीजेरियन सेक्शन के जरिए बेटे को जन्म दिया था.
ज्योति के पति प्रज्जवल पाल के अनुसार, डॉक्टरों ने डिलीवरी के दौरान पेट में बैंडेज छोड़ दिया और बिना जांचे सर्जरी को खत्म कर दी. कुछ दिनों बाद ज्योति को पेट में तेज दर्द होने लगा. प्रज्जवल पाल ने बताया, “हमने बार-बार अस्पताल जाकर पूछा, लेकिन डॉक्टर केवल दर्द निवारक दवाएं देते रहे. किसी ने असली कारण जानने की कोशिश नहीं की.”
हालत बिगड़ी, दूसरी जगह हुई जांच तो खुला राज
जब ज्योति की तबीयत लगातार बिगड़ने लगी तो परिवार ने उन्हें एक अन्य अस्पताल में भर्ती कराया.
वहां स्कैन के दौरान डॉक्टरों ने देखा कि उनके पेट के अंदर पुराना बैंडेज फंसा हुआ था, जिससे संक्रमण (इन्फेक्शन) बढ़ गया था. इस संक्रमण ने धीरे-धीरे पूरे शरीर को प्रभावित कर दिया और आखिरकार ज्योति की मौत हो गई.
जांच के आदेश, चार सदस्यीय कमेटी गठित
घटना के सामने आने के बाद देहरादून के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) मनोज शर्मा के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है. यह समिति यह जांच करेगी कि ऑपरेशन के दौरान ऐसी लापरवाही कैसे हुई और जिम्मेदार डॉक्टरों पर क्या कार्रवाई की जाए.
देशभर में बढ़ रहे मेडिकल नेग्लिजेंस के मामले
ऐसा पहला मामला नहीं है. मार्च 2025 में मेरठ में एक महिला के पेट में रूई का गोला छोड़े जाने का मामला सामने आया था, जबकि फरवरी में कर्नाटक के पुत्तूर में भी एक निजी अस्पताल पर सर्जिकल मॉप पेट में छोड़ने के आरोप लगे थे. इन सभी मामलों में मरीजों की जान खतरे में पड़ी और कुछ की मौत तक हो गई.

