(Photo Credits Twitter)
Malaria, Chikungunya-Hepatitis Cases Rise in Mumbai: मुंबई में पिछले चार दिनों से भारी बारिश जारी है, जिससे पूरे शहर का जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. सड़कों पर जलभराव, ट्रैफिक जाम और लोकल ट्रेनों की रफ्तार पर भी असर पड़ा है. वहीं, बारिश के साथ मानसून से जुड़ी बीमारियों में भी तेज़ी से इज़ाफा देखने को मिला है. हालांकि ये बीमारी चार दिन में नहीं बल्कि मानसून के दस्तक देने के बाद से शुरू हुई है. जो बढ़ते ही जा रही हैं.
मानसूनी बीमारियों में तेज़ इज़ाफा
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई में इस साल जनवरी से अगस्त 2025 के बीच मलेरिया, चिकनगुनिया और हेपेटाइटिस के मामलों में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) की रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया के मामले 2024 में 4,021 थे, जो अब बढ़कर 4,825 हो गए हैं. चिकनगुनिया के मामले 210 से बढ़कर 328 हो गए हैं, जबकि हेपेटाइटिस के केस 662 से बढ़कर 703 हो चुके हैं. यह भी पढ़े: Mumbai Malaria Cases: मुंबई में मानसून के बीच मलेरिया के मामलों में 39 फीसदी बढ़ोतरी, जून में ही दर्ज हुए 802 केस
राहत की बात— कुछ बीमारियों में आई गिरावट
हालांकि, राहत की बात यह है कि डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस और गैस्ट्रोएंटेराइटिस जैसे कुछ अन्य मानसूनी बीमारियों में कमी आई है. रिपोर्ट के अनुसार, डेंगू के मामले 1,979 से घटकर 1,564 हो गए हैं. वहीं लेप्टोस्पायरोसिस के केस 553 से घटकर 316 हुए हैं, जबकि गैस्ट्रोएंटेराइटिस के मामले 6,133 से घटकर 5,510 दर्ज किए गए हैं
समय से पहले मानसून को बताया गया कारण
BMC ने मानसूनी बीमारियों में इस बढ़ोतरी का प्रमुख कारण मई महीने में मानसून की असामान्य रूप से जल्दी शुरुआत को बताया है। यह मानसून पिछले 75 वर्षों में सबसे पहले दर्ज किया गया था, जिससे मच्छरों के प्रजनन और जलजनित रोगों के फैलाव की संभावना बढ़ गई.
BMC की लोगों से अपील
BMC के अधिकारियों ने अब तक लगभग 4.7 लाख घरों की जांच की है और 1,015 हाउसिंग सोसाइटियों को इस संबंध में जागरूक किया गया है. BMC की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे मच्छरों के प्रजनन को रोकें, अपने घरों और आस-पास पानी जमा न होने दें, और खुले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें. ऐसा न करने पर वे भी इन बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं, जो उनके लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती हैं.

