चकरी वाला पटाखा (Photo Credits: X)
Delhi Firecracker Update: देश की राजधानी दिल्ली-एनसीआर में दिवाली से पहले पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन बाजारों में इसका असर साफ़ तौर पर नजर नहीं आ रहा है. चांदनी चौक, जामा मस्जिद और सदर बाजार जैसे इलाकों में पटाखों की खुलेआम बिक्री हो रही है, जबकि दिल्ली सरकार ने निर्माण, बिक्री, भंडारण और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा रखा है.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक ग्राउंड रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कई दुकानदार चोरी-छिपे पटाखे बेच रहे हैं. रिपोर्टर ने सदर बाजार में रविवार और सोमवार को कम से कम 10 ऐसे विक्रेताओं को देखा, जो फुलझड़ी, बम और अन्य पटाखे बेच रहे थे. कुछ विक्रेताओं ने पटाखे मिठाई के डिब्बों के पीछे और टेबल के नीचे छुपा रखे थे. यह भी पढ़े: Diwali Special Trains: मध्य रेलवे का दिवाली तोहफा, यात्रियों के लिए चलाएगी 1662 स्पेशल ट्रेनें, जानें कब-कहां से चलेगी कौन सी ट्रेनें
दुकानदारों का तर्क
एक 19 वर्षीय स्ट्रीट वेंडर ने बताया, “बड़े पटाखे टेबल के नीचे रखते हैं, जो मांगे वही मिलता है. उसका दावा है कि दिवाली के दो दिनों में होने वाली कमाई, उसकी एक महीने की आय से कहीं ज़्यादा होती है. उसके मुताबिक, केवल सदर बाजार में ही करीब 15 विक्रेता 50 हजार से लेकर 4 लाख रुपये प्रतिदिन कमा रहे हैं.
पुलिस की मौजूदगी में हो रही है बिक्री
रविवार को बाजार में पुलिस बल मौजूद था, जो भीड़ और ट्रैफिक को संभाल रहा था। इसके बावजूद कई विक्रेता खुलेआम पटाखे बेचते नजर आए. एक दुकानदार ने बताया, “कल पुलिस ने मुझे पकड़ा था, कुछ घंटे थाने में रखा और फिर छोड़ दिया.
जामा मस्जिद के पास भी दिखे पटाखे
जामा मस्जिद के गेट नंबर 3 के सामने की पुरानी पटाखा दुकानें भले ही बंद थीं, लेकिन गली में बच्चे और उनके माता-पिता हाथों में पटाखों के पैकेट लिए घूमते देखे गए। सड़क किनारे स्ट्रीट वेंडर फुलझड़ी, अनार और अन्य हल्के पटाखे खुलेआम बेच रहे थे। इनकी कीमत ₹200 से ₹1,000 तक बताई गई।
पुराने दुकानदार सतर्क, लेकिन तैयार
कई पुराने और स्थायी दुकानदार इस बार सतर्क नजर आ रहे हैं.सदर बाजार की “मैजेस्टिक फायर वर्क्स कंपनी” नामक दुकान आधी बंद थी और शेल्फ खाली थे. दुकानदार ने कहा, “हमारे पास सभी तरह के पटाखे मौजूद हैं – यहां तक कि ‘ग्रीन पटाखे’ भी – लेकिन दुकान में नहीं रखे। अगर कोर्ट से मंजूरी मिली, तो मंगलवार के बाद बिक्री शुरू करेंगे.
2017 से दिल्ली में लगा है पटाखों पर बैन
दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध पहली बार 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लगाया गया था, ताकि वायु गुणवत्ता और लोगों के स्वास्थ्य पर प्रभाव का आंकलन किया जा सके। 2020 से अब तक हर साल सर्दियों के मौसम में दिल्ली सरकार ने पूर्ण प्रतिबंध लागू किया है.
लेकिन सच्चाई यह है कि हर दिवाली दिल्ली धुएं और धुंध की चादर में लिपट जाती है, और वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है. पिछले साल दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद दिल्ली सरकार ने साल भर के लिए पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया था

