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दुर्ग, छत्तीसगढ़: पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में दो ननों पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने धर्मांतरण और मानव तस्करी का आरोप लगाया था और ननों को पुलिस ने जेल भेजा था.अब शनिवार को दुर्ग की जेल में बंद दोनों ननों को जमानत मिल गई है.इसमें कमाल की बात ये है की इन ननों का स्वागत करने के लिए केरल के बीजेपी अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर और सीपीआई सांसद पी.संतोष पहुंचे थे. बता दें की 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर तीन युवतियों के साथ देखे जाने पर दो ननों और एक युवक को बजरंग दल के विरोध के बाद हिरासत में लिया गया था. संगठन ने उन पर आदिवासी लड़कियों को धर्मांतरण के लिए ले जाने का आरोप लगाया था. शिकायत मिलने पर जीआरपी ने तीनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
अब ननों को जमानत मिल गई है. इस वीडियो को सोशल मीडिया X पर @VistaarNews नाम से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रियंका गांधी का संसद के बाहर प्रदर्शन, बोलीं- हम आवाज उठाते रहेंगे
छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार हुई ननों को मिली बेल
केरल की ननों को मिली बेल, लेने पहुंचे केरल भाजपा अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर#Kerala #KeralaNun #RajeevChandrasekhar #NunArrest pic.twitter.com/UchzFiq1l9
— Vistaar News (@VistaarNews) August 2, 2025
केरल बीजेपी के नेता मौके पर स्वागत के लिए पहुंचे
बता दें की पिछले कुछ वर्षों में छत्तीसगढ़ राज्य में ईसाई समुदाय के लोगों का विरोध काफी बढ़ गया है. बजरंग दल के कार्यकर्ता कभी चर्च में जाकर तो कभी किसी ईसाई के घर जमकर हंगामा करते है और पुलिस भी इनका साथ देती है और संबंधित लोगो पर मामले भी दर्ज करती है. जबकि छत्तीसगढ़ में जब इन ननों को गिरफ्तार करने के बाद केरल में काफी विरोध चल रहा था और ईसाई समुदाय के लोगों ने इसको लेकर आंदोलन भी किया था. जो बीजेपी छत्तीसगढ़ में ईसाई समुदाय के लोगों को परेशान करती है, वही बीजेपी केरल में ईसाई समुदाय के सपोर्ट में खड़ी होती है और ननों के रिहा होने पर केरल बीजेपी के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर उन्हें लेने भी पहुंचते है.
एनआईए अदालत से मिली जमानत
बिलासपुर स्थित एनआईए कोर्ट ने ननों और युवक को 50,000 रुपये के बॉन्ड पर जमानत दी. इसके तुरंत बाद भाजपा और वाम दलों के नेताओं ने ननों का समर्थन किया.भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर ने ननों को अपनी गाड़ी में बिठाया और रायपुर रवाना हो गए.
कांग्रेस ने सरकार को घेरा
इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस भी सक्रिय हुई. कांग्रेस सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जेल जाकर ननों से मिला और बाद में बयान दिया कि उन्हें झूठे आरोपों में फंसाया गया है. कांग्रेस ने इसे भाजपा की राजनीतिक चाल बताते हुए आरोप लगाया कि मामला चुनावी फायदे के लिए उछाला गया.
भाजपा सरकार की भूमिका पर उठे सवाल
यह मामला छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार में हुआ, और अब भाजपा के ही नेताओं द्वारा ननों को निर्दोष बताए जाने से सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. अब देखना होगा कि भाजपा इस मुद्दे पर किस तरह अपनी स्थिति स्पष्ट करती है.

