
Bihar Chakka Jam on 9th July: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है. चुनाव आयोग द्वारा राज्य में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के फैसले पर अब महागठबंधन खुलकर विरोध में आ गया है. RJD नेता तेजस्वी यादव ने इस फैसले को गरीबों और वंचित तबके के मताधिकार पर हमला बताया है. उन्होंने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 9 जुलाई को पूरे बिहार में चक्का जाम का ऐलान किया. तेजस्वी यादव ने कहा, “हम और राहुल गांधी 9 जुलाई को मिलकर सड़कों पर उतरेंगे. चुनाव आयोग जिस तरह गरीबों, मजदूरों और किसानों के वोट काटने की तैयारी कर रहा है, हम उसका पुरजोर विरोध करेंगे. ये चक्का जाम सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि गरीबों के अधिकारों की लड़ाई है.”
ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों का समर्थन
तेजस्वी के साथ इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महागठबंधन के अन्य बड़े नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने एक सुर में चुनाव आयोग के फैसले को “जनविरोधी और पक्षपाती” बताया. उनका दावा है कि यह प्रक्रिया एनआरसी और नागरिकता विवाद को बिहार में लागू करने की शुरुआत है, ताकि गरीब तबके के वोटर को डराया जाए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से बाहर किया जाए.
बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी इस चक्का जाम में शारीरिक रूप से भाग लेंगे, जिससे महागठबंधन को और मजबूती मिलने की उम्मीद है. साथ ही ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने भी इस आंदोलन को समर्थन देने का एलान किया है.
9 जुलाई को चक्का जाम का ऐलान
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन इस मुद्दे को चुनावी हथियार बनाकर मैदान में उतरना चाहता है, ताकि वंचित तबकों को अपने पक्ष में लामबंद किया जा सके.
अब देखना यह होगा कि 9 जुलाई का यह चक्का जाम कितना असरदार साबित होता है और चुनाव आयोग इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है.

