TRF Ban in America: भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई को और ताकत मिली है. अमेरिका ने पाकिस्तान के इशारे पर चलने वाले आतंकी संगठन ‘The Resistance Front’ यानी TRF को आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया है. इसके साथ ही TRF को ‘विदेशी आतंकवादी संगठन’ (Foreign Terrorist Organisation) और ‘विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी’ (Specially Designated Global Terrorist) की लिस्ट में डाल दिया गया है. अमेरिकी सरकार ने कहा कि ये कदम न सिर्फ पहलगाम हमले के लिए इंसाफ दिलाने की दिशा में उठाया गया है, बल्कि ये अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आतंक के खिलाफ उसकी कड़ी नीति का हिस्सा है.
अमेरिका ने TRF को आतंकवादी संगठन घोषित किया
US State Department has designated The Resistance Front, group behind the April 22 Pahalgam terror attack, as a terrorist organisation.
In a statement, US Secretary of State Marco Rubio said, the Trump Administration has declared the TRF as a Foreign Terrorist Organisation and… pic.twitter.com/7FmUCy3KQ0
— All India Radio News (@airnewsalerts) July 18, 2025
जयशंकर ने अमेरिकी फैसले की सराहना की
A strong affirmation of India-US counter-terrorism cooperation.
Appreciate @SecRubio and @StateDept for designating TRF—a Lashkar-e-Tayyiba (LeT) proxy—as a Foreign Terrorist Organization (FTO) and Specially Designated Global Terrorist (SDGT). It claimed responsibility for the…
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 18, 2025
TRF क्या है?
TRF वही संगठन है, जिसने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी. पहलगाम हमले में 26 मासूम लोगों की जान गई थी, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. आतंकियों ने पहले लोगों की धार्मिक पहचान पूछी और फिर गोलियां बरसाईं. कुछ दिन बाद TRF ने इस हमले से खुद को अलग बताने की कोशिश की, लेकिन तब तक जांच एजेंसियों को अहम सबूत मिल चुके थे.
भारतीय जांच एजेंसी NIA ने TRF के सरगना शेख सज्जाद गुल को इस हमले का मास्टरमाइंड बताया है. TRF, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक नया रूप है, जो पाकिस्तान की शह पर जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने की साजिश रच रहा है.
भारत ने अमेरिका का जताया आभार
भारत सरकार ने अमेरिका के इस फैसले का जोरदार स्वागत किया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर कहा कि ये फैसला भारत-अमेरिका के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करता है. उन्होंने अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो और स्टेट डिपार्टमेंट का आभार जताया.
जयशंकर ने साफ कहा, “आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है और भारत इसकी बिल्कुल भी इजाजत नहीं देगा.”

