सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम में तीन दिन में सात श्रद्धालुओं की मौत के मामले में शार्ट पोस्टमार्टम (पीएम) रिपोर्ट भी भीड़ और भारी अव्यवस्था का स्पष्ट संकेत दे रही है।
पीएम रिपोर्ट के अनुसार छह लोगों की मौत घबराहट, डिहाइड्रेशन और कार्डियक अरेस्ट से हुई थी। यह भारी भीड़ और उससे उपजी अव्यवस्था का ही परिणाम कहा जा सकता है। एक युवक की मौत फेफड़े की पुरानी बीमारी की वजह से हुई है। उधर, कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा के आह्वान पर कुबेरेश्वर धाम में जुटने वाली भीड़ में लगभग हर बार भगदड़ और हादसे होने के बाद भी आयोजक विठलेश सेवा समिति पर कभी कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं हुई। यह भी सामने आया है कि समिति प्रशासन को गुमराह कर अनुमति लेती रही है।
आपको बता दें कि आने वाले श्रद्धालुओं की अनुमानित संख्या बताकर अनुमति ले ली गई। प्रशासन ने समिति पर जिम्मेदारी भी कभी तय नहीं की। जबकि अनुमति शर्तों का उल्लंघन, भीड़ प्रबंधन की नाकामी और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन तोड़ने के आरोपों के बावजूद हर बार लापरवाही दोहराई जाती रही।
मंगलवार से गुरुवार तक तीन दिन के कांवड़ यात्रा आयोजन में सात श्रद्धालुओं की मौत के बाद भी अब तक जिम्मेदारी तय कर कार्रवाई न होना गंभीर सवाल खड़े करता है। यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि जब बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के रोड शो में भगदड़ के बाद आयोजकों पर एफआईआर हो सकती है तो कुबेरेश्वर धाम में सात मौतों के बाद भी पुलिस-प्रशासन मौन क्यों है।
जिला प्रशासन को दिए समिति के आवेदन में कांवड़ यात्रा का मार्ग सीवन नदी तट से कुबेरेश्वर धाम तय था, लेकिन समिति के संरक्षण में पं. प्रदीप मिश्रा ने यात्रा अपने निजी निवास से शुरू करवाई, जो संकरा और भीड़ के लिए अनुपयुक्त था। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के बावजूद तेज आवाज वाले स्पीकर बजाए गए, इससे श्रद्धालुओं को और परेशानी हुई और उनकी तबीयत बिगड़ी। प्रशासनिक अधिकारियों के सामने यह उल्लंघन हुआ, लेकिन अपेक्षित कार्रवाई नहीं हुई।
पांच अगस्त को जसवंती बेन और संगीता गुप्ता, छह अगस्त को चतुर सिंह, ईश्वर सिंह एवं दिलीप सिंह और सात अगस्त को उपेंद्र गुप्ता का पोस्टमार्टम किया गया। सभी की मौत का कारण घबराहट, डिहाइड्रेशन व कार्डियक अरेस्ट बताया गया। सातवें श्रद्धालु अनिल सेन की मौत का कारण फेफड़े की पुरानी बीमारी होना बताया गया।
जुड़ी है लोगों की आस्था
धाम से लोगों की आस्था जुड़ी है। समिति सब प्रबंध करती है, पर्याप्त इंतजाम होते हैं। कभी-कभी भीड़ बढ़ने के चलते असुविधा हो जाती है। – मनोज दीक्षित, मीडिया प्रभारी, विठलेश सेवा समिति
प्रशासन ने व्यवस्था संभाली
सीवन घाट से कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति मांगी गई थी, जिसकी पूरी व्यवस्था जिला प्रशासन ने संभाली। धाम के अंदर की जवाबदारी आयोजन समिति की है। स्पीकर तेज आवाज में बजाने पर कार्रवाई की गई है। -तन्मय वर्मा, एसडीएम, सीहोर