पेपर लीक होने से ड्राइंग टीचर भर्ती पर दाग |
सहायक के तीन पद शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश में पहली जनवरी से लेकर 30 जून तक छह महीने के अंतराल में जंगलों में आगजनी की घटनाओं के 2708 मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं में किसी की भी जान नहीं गई है। आगजनी के छह मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें आठ व्यक्तियों की संलिप्तता पाई गई, जिनकी छानबीन चल रही है। यह जानकारी विधानसभा में लिखित उत्तर के रूप में सामने आई है। ऊना के विधायक सतपाल सिंह सत्ती, विक्रम सिंह व इंद्र दत्त लखनपाल ने यह सवाल लगाया है, जिसमें सरकार की ओर से बताया गया कि आगजनी की घटनाओं में संलिप्तता के मामले जो सामने आए हैं उनमें सोलन में एक, चंबा में दो, हमीरपुर में एक, कांगड़ा में तीन, शिमला में एक मामला सामने आया है। सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि सभी जिला मुख्यालयों के साथ-साथ जनजातीय क्षेत्रों में सरकार 16 नए हेलिपोर्ट विकसित करेगी। इसके तहत नौ हेलिपोर्ट पहले चरण में बनेंगे जिनमें जसकोट, रक्कड़, पालमपुर, सुल्तानपुर, आलू ग्राउंड मनाली, शारबो जिस्पा, सिस्सू, रंगरीक शामिल हैं। अन्य आठ स्थानों पर दूसरे चरण में हेलिपोर्ट बनेंगे। प्रदेश सरकार द्वारा हेलिपोर्ट निर्माण के लिए 71.1 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान मुख्य शीर्ष में किया गया है। भारत सरकार की की योजना के तहत चार हेलिपोर्ट चंबा, रक्कड़, पालमपुर व रिकांगपिओ के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिसके तहत इनके विकास को 13 करोड़ तक की राशि की रिंबर्समेंट केंद्र सरकार करेगी। इसके अतिरिक्त ऊना के पलकवाह हरोली में हेलिपैड निर्माण को दो करोड़ 99 लाख 80 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। सदन में बताया गया है कि शिक्षा विभाग में ओबीसी के तहत टीजीटी ऑट्र्स, नॉन मेडिकल व मेडिकल के 197 पद खाली पड़े हुए हैं। यहां पर टीजीटी ऑट्र्स के 88, टीजीटी नॉन मेडिकल के 74 व टीजीटी मेडिकल के 35 पद खाली पड़े हुए हैं। प्राथमिकता के आधार पर इनको भरने का आश्वासन सरकार ने दिया है। विधानसभा में बताया गया कि प्रदेश सरकार को वाटर सेस आयोग के माध्यम से अब तक कोई राजस्व नहीं मिला है। शुरुआत में बिजली परियोजनाओं से 34 करोड़ 75 लाख 48 हजार 906 रुपए की राशि ली गई थी मगर इसपर भी उच्च न्यायालय ने स्टे लगा दिया था लिहाजा अभी यह पैसा आयोग के पास पड़ा है। इस राशि को वापस करने को कहा गया है मगर मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल उच्च न्यायालय के निर्णय पर स्टे लगा रखा है।