छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड की रिपोर्ट जल्द होगी सार्वजनिक, डिप्टी सीएम शर्मा का बड़ा बयान |
Breaking NewsCGTOP36छत्तीसगढ़राज्य

छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड की रिपोर्ट जल्द होगी सार्वजनिक, डिप्टी सीएम शर्मा का बड़ा बयान

छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित झीरम घाटी हत्याकांड की रिपोर्ट जल्द ही सार्वजनिक होने जा रही है। इस मामले को लेकर प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा ने बड़ा बयान दिया है। जगदलपुर में पत्रकारों से चर्चा के दौरान जब डिप्‍टी सीएम शर्मा से झीरम की रिपोर्ट सावर्जनिक किए जाने को लेकर सवाल किया गया तो उन्‍होंने कहा कि हमारी सरकार झीरम की रिपोर्ट सार्वजनिक करेगी।

डिप्‍टी सीएम ने इस मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि, वे सबूत जेब में रखे हैं, लेकिन निकाल नहीं रहे हैं। उसे भी निकलवाना पड़ेगा। बता दें कि भूपेश बघेल लगातार यह बयान देते रहे हैं कि झीरमकांड का सबूत उनके पास है। बघेल के नेतृत्‍व वाली कांग्रेस सरकार ने इस मामले की नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी भी गठित की थी, लेकिन उसकी जांच अभी तक शुरू नहीं हो पाई है।

यह है पूरा मामला

25 मई 2013 को झीरम घाटी (बस्‍तर) में नक्‍सलियों ने कांग्रेस के काफिले पर हमला कर दिया था। इस हमले में कांग्रेस के तत्‍कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री वीसी शुक्‍ल और पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा सहित कई बड़े नेताओं की मौत हो गई थी। तब प्रदेश में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्‍व में बीजेपी की सरकार थी। इस घटना के बाद से इसको लेकर लगातार राजनीति होती रही है। कांग्रेस के नेता इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए बीजेपी सरकार पर सच छिपाने का आरोप लगाते हैं। वहीं बीजेपी इस मामले में काग्रेस नेताओं को ही कटघरे में खड़ा करने का प्रयास करती है।

नक्सलियों ने काफिले पर बोला था हमला

वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में परिवर्तन यात्रा निकाला। यह यात्रा बस्‍तर संभाग में भी पहुंची। सुकमा में सभा के बाद कांग्रेस नेताओं का पूरा काफिला जिसमें नंद कुमार पटेल, उनके पुत्र दिनेश पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्‍ल, पूर्व विधायक उदय मुदलियार, कोंटा विधायक कवासी लखमा सहित कांग्रेस के कई नेता, कार्यकर्ता और सुरक्षा कर्मी शामिल थे। कांग्रेस नेताओं का काफिला जैसे ही बस्‍तर की झीरम घाटी में पहुंचा पहले से घात लगाए बैठे नक्‍सलियों ने हमला बोल दिया। इस घटना में कुल 33 लोगों की मौत हुई थी। एक मात्र कवासी लखमा वहां से सुरक्षित निकलने में सफल रहे थे।

Related Articles

Back to top button