छत्तीसगढ़ में चावल घोटाले को लेकर की जाएगी जाँच , दोषी दुकानदार को देने पड़ेंगे पैसे

रायपुर। विधानसभा मेें प्रश्नकाल में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने प्रदेश के राशन दुकानोें से चावल गायब हो जाने का मुद्दा उठाया। डा. रमन ने कहा कि खाद्य विभाग ने प्रदेश की 13 हजार पीडीएस दुकानोें की जांच की, जिसमेें 68 लाख 930 टन चावल गायब पाया गया। मंत्री भगत बोले चावल घोटाले का एक-एक पैसा वसूलेेंगे, जो नहीं देगा वह जाएगा जेल, विपक्षी विधायकोें ने हर जिले मेें विधायकोें की कमेटी से जांच की मांग की भी की है।
खाद्य विभाग और जिलोें के आंकड़ों के अनुसार गायब चावल का रिकार्ड नहीं है। इस तरह चावल गायब करके 500-600 करोड़ का घोटाला किया गया है।मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि प्रदेश की 13992 दुकानोें की जांच कराई गई, जिसमेें 41 हजार टन चावल की कमी पाई गई। विपक्षी विधायकोें ने कहा कि यह गरीबोें के चावल का मामला है। हर जिले की पीडीएस दुकान की विधायकोें की कमेटी से जांच कराई जाए।
मंत्री भगत ने कहा कि सभी राशन दुकानों की जांच 24 मार्च तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है। जांच के बाद उन दुकान संचालकोें से एक-एक पैसे की वसूली होगी। जिन दुकानदारो को चावल गायब करने में दोषी पाया जायेगा उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगई। उनसे इसकी प्यूरी भरपाई करवाई जाएगी जो दुकानदार पैसा जमा नहीं करेगा, वह जेल जाएगा। मंत्री भगत ने कहा कि बोगस राशनकार्ड भाजपा सरकार मेें बनते थे। अब पीडीएस दुकान का ई-पास मशीन से भारत सरकार तीन बार परीक्षण करती है।
उन्होंने कहा बचत स्टाक को घटाकर दुकानों को चावल दिया जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने कहा कि मंत्री कह तो रहे हैं कि 24 तारीख तक चावल घोटाले की जांच पूरी हो जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
जिसके बाद विपक्षी विधायकोें नारायण चंदेल, धरमलाल कौशिक, शिवरतन शर्मा, अजय चंद्राकर ने जांच की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। इसी बता पर शोर-शराबे को देखते हुए अध्यक्ष महंत ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। जब दोबारा कार्यवाही दोबारा शुरू किया गया तो विपक्षी विधायकों द्वारा फिर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी गई। जिसके बाद अध्यक्ष ने कार्यवाही को 12 बजे तक स्थगित कर दीया।