आयुष के फार्मेसी छात्रों का भविष्य अन्धकार में, हाथों में तख्ती लेकर किया प्रदर्शन
आयुष विश्वविद्यालय के ख़िलाफ संबद्ध रायपुर और राजनांदगांव के फार्मेसी कॉलेज के छात्रों ने शुक्रवार को घड़ी चौक में प्रदर्शन किया। पांचवे सेमेस्टर में पढ़ाई करने के बाद भी महज दो सेमेस्टर की परीक्षा ही दे पाए छात्र चिकित्सा शिक्षा संचालक से कॉलेज मेंं शिक्षकों की नियुक्ति के साथ लैब व लाइब्रेरी स्थापित करने की मांग कर रहे थे।
छत्तीसगढ़ यूथ फार्मासिस्ट एसोसिएशन के तत्वाधान में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने संचालक, चिकित्सा शिक्षा के नाम से सौंपे, छात्रों ने अपने ज्ञापन में बताया कि 2017 में रायपुर और राजनांदगांव में शुरू हुए फार्मेसी कॉलेज में 74 छात्र अध्ययनरत हैं. इन छात्रों का कायदे से चार सेमेस्टर पूरा हो जाना था, लेकिन एक साल पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है।
बता दें कि दोनों कॉलेजों की कक्षाएं वैकल्पिक तौर पर शासकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय परिसर में लगाई जा रही है, जहां दोनों कॉलेजों के लिए महज दो शिक्षकों से संविदा आधार पर पढ़ाई कराई जा रही है. छात्रों ने बताया कि केवल शिक्षकों की ही नहीं बल्कि लैब और लाइब्रेरी भी स्थापित नहीं हो पाया है।
छात्रों का कहना है कि इन समस्याओं को लेकर पूर्व कुलपति डॉ. जीबी गुप्ता और प्रभारी कुलपति डॉ. आभा सिंह को कई बार निवेदन किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. वर्तमान कुलपति डॉ. अशोक चंद्राकर को भी समस्या से अवगत कराया, लेकिन फिर भी अभी तक समाधान नहीं हुआ है।
2019-20 की काउंसिलिंग निरस्त होने पर कुलपति ने बताया कि आयुष द्वारा संचालित फार्मेसी कोर्स को मान्यता नहीं मिलने की वजह से लगातार दूसरा साल जीरो इयर हो रहा है. विश्वविद्यालय द्वारा कोर्स बंद होने की जानकारी तो दे दी, लेकिन अध्ययनरत छात्रों की डिग्री कैसे पूर्ण होगी इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।