बृजमोहन अग्रवाल ने सत्ता पक्ष पर जमकर साधा निशाना, कहा ऐसा दुर्भाग्य कभी न आये
बृजमोहन अग्रवाल ने चर्चा की शुरुआत करते हुवे कहा कि सरकार यह बताने में नाकाम है कि बस्तर के विधायकों को क्या सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है. सरकार बताए कि कौन से कदम उठाए गए। उन्होंने कहा कि परिवार को रहने के लिए रायपुर में जो आवास दिया गया उसे भी खाली कराने की कोशिश की गई. क्या यह सरकार इतनी संवेदनहीन हो चुकी है।
झीरम घाटी की घटना के बाद हमारी सरकार ने पीड़ितों के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी. हर तरह से पीड़ितों को सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। घटना के दूसरे ही दिन यह कहा गया कि विधायक की मौत उनकी गलती से हुई है. डीआरजी का बल किस नियम के तहत हटा लिया गया. ऐसी चूक कैसे की जा सकती है किसी जनप्रतिनिधि की सुरक्षा में. पूरे प्रदेश में अराजकता की स्थिति है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि हर अफसर को दो तीन माह में हटाया जा रहा है इसके लिए सरकार को कोई न कोई पाॅलिसी बनाना चाहिए। नए अफसरों को मलाईदार विभागों में पदस्थ किया जा रहा है कम से कम जनप्रतिनिधियों के लिए तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हों।
सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री कहते हैं कि बातचीत से समस्या का समाधान किया जाएगा. हमारे कार्यकर्ता बताते हैं कि नक्सली कहते हैं कि अब हमारी सरकार है। इस बात पर कांग्रेस सदस्य बृहस्पति सिंह ने आपत्ति जताई।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- कानून व्यवस्था की समस्या है कि सामाजिक समस्या है यह तय करने की आवश्यकता है. नक्सली देशद्रोही हैं जो विकास को रोकने लोकतंत्र का गला घोंटने का काम कर रही है.
अग्रवाल ने कहा कि ये कौन सी विचारधारा है जो विकास नहीं होने देती, सड़क नहीं बनने देती, स्कूल नहीं बनने देती, ट्युबवेल में बारूद डालने का काम करती है. हमारे प्रदेश में विकास की संभावनाएं हैं लेकिन सरकार को विकास के लिए नक्सलवाद को खत्म करना होगा।
उन्होंने कहा कि ऐसा दुर्भाग्य दोबारा न आए कि हमें किसी सदस्य के नक्सलवाद के काल के गाल में समा जाने पर चर्चा करने की आवश्यकता हो। पिछले सात महीनों में सरकार लकवाग्रस्त हो चुकी है. सभी जगह विकास के काम ठप हो गया है।