Gaurela-Pendra-Marwahi. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। मध्य प्रदेश आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) की सात सदस्यीय टीम ने सोमवार को मरवाही में छापेमारी कर कोयला व्यापारी जफर शेख को गिरफ्तार किया है। उस पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए करोड़ों रुपये के कोयले की बिक्री करने का गंभीर आरोप है। यह कार्रवाई भोपाल में दर्ज एक बड़े आर्थिक अपराध के सिलसिले में की गई है। जानकारी के अनुसार, 30 जून 2025 को भोपाल में फर्जी बिलिंग और कागजातों के माध्यम से कोयला बिक्री से संबंधित मामला दर्ज हुआ था। इस केस में मुख्य आरोपी विनोद सहाय की फर्मों के साथ मरवाही निवासी जफर शेख की कंपनियों के लेन-देन सामने आए थे।
जफर शेख की दो कंपनियां—अम्बर कोल डिपो और अनम ट्रेडर्स—जबलपुर के रानीताल क्षेत्र में पंजीकृत हैं। इन फर्मों ने अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स, जगदम्बा कोल केरियर और महामाया ट्रेडर्स के साथ व्यापार किया, जिनका संबंध विनोद सहाय की फर्म JMKD कोल से जुड़ा हुआ पाया गया। जांच में यह खुलासा हुआ है कि जफर शेख ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर भाटिया कोल (बिलासपुर), खालसा कोल (बिलासपुर), आर्यन कोल वॉशरी, जैन कोल वॉशरी (अनूपपुर), हरिजिका कोल (रायगढ़), प्रकाश इंडस्ट्रीज (चांपा), एमएसपी पावर प्लांट (रायगढ़) और बीएस सिंघल पावर प्लांट (रायगढ़) जैसे प्रतिष्ठानों को कोयला आपूर्ति की बिलिंग की थी। इन बिलों को सही दिखाने के लिए उसने राजा सरावगी (बुढार), अशोक चतुर्वेदी (बुढार) और राजेश कोटवानी (बिलासपुर) से कोयला आपूर्ति का झूठा विवरण तैयार कराया।
अब तक की कार्रवाई
मुख्य आरोपी विनोद सहाय को रांची (झारखंड) से पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। भोपाल के कोहेफिजा थाने में धारा 409, 419, 420, 467, 468, 471, 120बी के तहत मामला दर्ज है। सोमवार को EOW टीम ने मरवाही में दबिश देकर जफर शेख को उसके घर से हिरासत में लिया और पूछताछ के लिए भोपाल रवाना किया। इस रैकेट में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के अन्य कोयला व्यापारियों और फर्मों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। EOW का मानना है कि इस गिरोह के जरिए करोड़ों रुपये का टैक्स और खनिज घोटाला हुआ है।

