महासमुंद। फारेस्ट विभाग का कोई माई-बांप नहीं है। एसडीओ् ही फारेस्ट का कोर्ट बन जाता है और फैसला सुनाता है। मामला वनमंडला अधिकारी वनमंडल महासमुंद का है। अजय ओ्ंगरे पिता शिवम लाल ओ्गरे निवासी ग्राम पंचायत करनापाली जिला महासमुंद का है जिसमें आवेदक ने दिए गए सहमति बयान को हटाकर वन पट्टा में मेरी बचत भूमि प्रदाय करने की मांग की है। फारेस्ट रेंजर वन पट्टा तो नहीं दे रहे है बल्कि किसान को प्रताडि़त करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे है। अजय ओ्ंगरे पिता मोहन ओ्ंगर ने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि मेरे सोल्ड ट्रैक्टर को एसडीओ्ं फारेस्ट ने जब्त कर लिया है उसे मुक्त कराए। अजय ओ्ंगरे ने कलेक्टर को लिखा है कि मेरे जीवन यापन की एक मात्र साधन ट्रैक्टर को फारेस्ट रेंजर ने जब्त कर लिय़ा है। उसी टैक्टर के भरोसे मेरे परिवार का पालन पोषण होता है। जिसमें खेती किसानी करके जीवन चलता है। विगत दिनों करना पाली से सागरपाली पत्थर ले जाते समय ट्रैक्टर को एसडीओ्ं ने पकड़ लिय़ा है। मेरे परिवार के पालन पोषण का औऱ कोई दूसरा जरिया नहीं है। अत: कलेक्टर महोदय उक्त ट्रैक्टर को वापस दिलाने का आदेश प्रदान करें।
एसडीओ् के निशाने पर ओ्ंगरे परिवार: ओ्ंगरे परिवार को प्रताडि़त करने का कोई भी मौका फारेस्ट वाले नहीं छोड़ते है। ओ्ंगरे परिवार ने कार्यालय वन मंडला अधिकारी सामान्य वनमंडल महासमुंद व्दारा क्र. 215अभूृअ रानि/ बअ/ प/2015 13 फर. 2015 प्रदान किया गया । जिसमें ज्ञाप क्र. /सपा/164 20 अप्रैल 2015 को जांच कर जांच प्रतिवेदन दिया गया। िजसकी कंडिका 02 में 1.20 हे, 3.00एकड़ बताया गया। केंडिका 03 में स्थल सत्यापन 20 अप्रैल 2015 को पटवारी पुनित साहू प.ह. नंबरह 11 एवं सुरेंद्र डडसेना प.ह.न. 10 तथा रा.प.ह.बड़े साजापाली व्दारा सर्वे कर क्षेत्र का माप किय़ा गया। जिसमें शिवम लाल ओ्ंगरे व्दारा अपने बयान में शासन व्दारा वन अधिकार पत्र हेतु भूमि 9.480 हे. की स्वीकृति दी। एैसा उल्लेखित है किंतु मेरे पिता शिवम लाल ओ्ंगरे अनपढ़ थे,उनके इश अनपढञ होने का फायदा उठाकर रेंजर के संमक्ष दस्तखत करवा लिय़ा गया। जो कि मेरे पिता को इस बात की जानकारी बाद में हुई । कमिश्नर भू-अभत्रिलेख नया रायपुर अटल नगर को लिखे पत्र में उपरोक्त तथ्यों की जांच होने के बाद भी जमीन नहीं मिली है, अत: आपसे निवेदन है कि उपरोक्त मेरी बचत भूमि दिलाने की कृपा करेंगे।
इस संबंध में वन मंडलाधिकारी ने बताया कि शिकायत कर्ता शिवम लाल ओ्ंगरे व्दारा अपने बयान में शासन व्दारा वन अधिकार पत्र हेतु भूमि 0.480 हे, स्वीकृत दी गई है। उससे पूर्ण रूप से सहमति देते हुए अपने बयान में हस्ताक्षर किया है. इश प्रकार अवेदक व्दारा आवेदित भूमि का वन अधिकार मान्यता हेतु स्वीकृत किया जा चुका है। मान्यता पत्र जारी किया जाना शेष है। अत: शिकायत का निराकऱण हो जाता है, उपरोक्त तथ्यों के आधार पर आवेदन नस्ती बद्ध किए जाने की अनुशंसा की जाती है।

