रायपुर। पूरे प्रदेश में। साइबर ठग के साथ सरकारी योजना में सीधे लाभ दिलाने का झांसा देने वाले सिंडिकेट नए-नए तरीके अपना कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहा है। पुलिस की चेतवानी के बाद भी लोग लालच में आकर लोग अपनी जमा पूंजी को ठगों के हवाले कर रहे है। ठगों को गिरोह गांव -गांव में फैला हुआ है वो लोगों की जरूरतों जानकारी जुटाते है फिर शिकार बनाते है। कभी बैंक अधिकारी तो कभी सरकारी अधिकारी, तो कभी मंत्री विधायक के प्रतिनिधि बनकर लोगों को शिकार बना रहे है। शिकार होने के बाद थाने में या जनप्रतिनिधियों के पास गुहार लगाने पहुंचते है तक मामले का खुलासा हो रहा है। राजधानी रायपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। एक शातिर ठग ने गरीबों को आशियाने का सपना दिखाकर अपनी ठगी का शिकार बना लिया। उसने खुद को नगर निगम के अफसरों का करीबी बताकर लोगों से 13 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर ली। पीडि़तों की शिकायत पर अब पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी अब तक फरार है?
राजेंद्र नगर पुलिस के मुताबिक, इस पूरे फर्जीवाड़े का मुख्य आरोपी एन जिल्लैया उर्फ एन जीतू है। आरोपी नगर निगम के दफ्तर के आसपास सक्रिय रहता था और ऐसे लोगों को निशाना बनाता था जो पीएम आवास योजना के तहत घर पाना चाहते थे। पीडि़तों में से एक, प्रफुल्ल कुमार बंजारी ने बताया कि जीतू ने उसे झांसा दिया कि अमलीडीह में बन रहे पीएम आवास में वह उसे एक मकान दिला सकता है। इसके लिए उसने खुद को निगम के बड़े अफसरों का दोस्त बताया ताकि लोग आसानी से उस पर भरोसा।
आरोपी जीतू इतना शातिर था कि उसने एक ही तरीके से कई लोगों को अपना शिकार बनाया। वह पीडि़तों से मकान दिलाने के नाम पर किस्तों में पैसे लेता था। जिन लोगों से अब तक ठगी की बात सामने आई है, वे हैं- प्रफुल्ल कुमार बंजारी: 2 लाख रुपये, नर्मदा खुंटे: 7.50 लाख रुपये (3 आवास के नाम पर) दीक्षा जांगड़े: 2 लाख रुपये, सुनील कुमार पात्रे: 2 लाख रुपये। इन सभी लोगों से पैसे लेने के बाद आरोपी ने न तो उन्हें मकान दिलाया और न ही उनके पैसे वापस किए। जब भी लोग उस पर दबाव बनाते, वह अफसरों से अपनी दोस्ती का रौब दिखाकर उन्हें चुप करा देता।
एफआईआर दर्ज, आरोपी फरार
जब पीडि़तों को यकीन हो गया कि उनके साथ धोखा हुआ है, तो उन्होंने एकजुट होकर राजेंद्र नगर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी एन जीतू के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420) का अपराध दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी की तलाश की जा रही है, लेकिन वह फिलहाल फरार है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है।
ऐसे पकड़ाया फर्जी बैंक अधिकारी
दुर्ग जिले के बोरी थाना क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़े का एक गंभीर मामला सामने आया है। आरोपी खुद को बैंक ऑफ बड़ौदा का अधिकारी बताकर गांव-गांव जाकर भोले-भाले ग्रामीणों को लोन का झांसा देकर उनसे मोटी रकम ऐंठ रहा था। पुलिस ने इस धोखाधड़ी में शामिल दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
ऐसे रची गई ठगी की साजिश
बड़े टेमरी गांव निवासी निजेन्द्र बारले ने बोरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई कि गांव में आया चेतन कुमार वर्मा नामक व्यक्ति खुद को बैंक ऑफ बड़ौदा का अधिकारी बताकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोन दिलाने का झांसा दे रहा है। उसने पहले ग्रामीणों से जरूरी दस्तावेज लिए और फिर फोन पे के माध्यम से ?34,000 की ठगी कर ली।
पुलिस जांच में खुला बड़ा जाल
जांच में सामने आया कि चेतन कुमार वर्मा राजनांदगांव जिले के ग्राम तिलईभाठ का निवासी है और वह स्कॉर्पियो किराए पर लेकर गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को जमा करता था। वह लोन का फॉर्म भरवाता और फिर दस्तावेज व पैसे लेकर गायब हो जाता था।
ऑनलाइन पेमेंट का भी जाल बिछाया
चेतन ने एक और साथी अतेश गंजीर (ग्राम फरहद, जिला राजनांदगांव) के साथ मिलकर ठगी की योजना बनाई थी। ऑनलाइन भुगतान की राशि अतेश के खाते में मंगवाई जाती थी। बाद में दोनों आरोपी उस पैसे को आपस में बराबर-बराबर बांट लेते थे। गिरफ्तार हुए आरोपी-चेतन कुमार वर्मा, पिता महेश वर्मा (28 वर्ष) निवासी ग्राम तिलईभाठ, जिला राजनांदगांव, अतेश गंजीर, पिता बालमुकुंद साहू (33 वर्ष), निवासी ग्राम फरहद, जिला राजनांदगांव।
पुलिस की चेतावनी
एएसपी ने कहा कि गांव के लोगों को अब सतर्क रहने की जरूरत है। यदि कोई व्यक्ति लोन या सरकारी योजना के नाम पर दस्तावेज व पैसे मांगे, तो पहले उसकी सत्यता की जांच जरूर करें। इस घटना से यह स्पष्ट है कि फर्जीवाड़ा करने वाले अब ग्रामीण क्षेत्रों को भी निशाना बना रहे हैं। जरूरत है कि सरकारी योजनाओं की जानकारी सही माध्यम से पहुंचे और आम लोग जागरूक बनें।
फर्जी निगम अफसर बन लूटा
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को मकान देने का झांसा देकर 21.81 लाख की ठगी मामले में तीन आरोपियों को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया है।प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को मकान देने का झांसा देकर 21.81 लाख की ठगी मामले में तीन आरोपियों को पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना जेल में बंद कांग्रेसी नेता सय्यद तहजीबुल हसन आबिदी है, जो निगम अधिकारी बनकर लोगों से ठगी करता था। पुलिस ने कोर्ट से अनुमति लेकर उसे गिरफ्तार किया है।
ऐसे की ठगी
पुलिस ने बताया कि डोंगरगढ़ निवासी प्रफुल्ल बंजारी ने बताया कि वह देवपुरी में किराए पर रहता है। 15 अप्रैल 2022 को उसकी मुलाकात टिकरापारा के एन जिल्लैया उर्फ जीतू से हुई। जीतू ने झांसा दिया कि निगम के अधिकारियों से उसकी अच्छी पहचान है। वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अमलीडीह इलाके में फ्लैट दिला देगा। जीतू उसे लेकर निगम दफ्तर भी गया। वहां कुछ लोगों से मुलाकात कराया। वहां आवेदन भी जमा कराया। उसने पहले तो 1.20 लाख रुपए खर्च बताया था। लेकिन वह कई तरह की प्रक्रिया बताकर अलग अलग किस्त में 5.10 लाख रुपए ले लिया। उसके बाद गुमराह करने लगा। तीन साल में उसने फ्लैट नहीं दिलाया और न ही पैसा लौटाया। पुलिस ने जीतू को गिरफ्तार कर लिया है। उसने पूछताछ में टिकरापारा के शेख अशरफ का नाम बताया। उसे हिरासत में लिया गया। अशरफ ने कांग्रेसी नेता सय्यद तहजीबुल हसन आबिदी के लिए काम करना बताया। तब पुलिस ने कोर्ट की अनुमति लेकर शनिवार को उसे गिरफ्तार किया और रिमांड पर लिया है।
एसीबी अधिकारी बनकर फोन: देवपुरी निवासी राजेश सोनी का रियल एस्टेट का कारोबार है। उनकी पत्नी सारिका सोनी पटवारी हैं। पिछले कई माह से कांग्रेसी नेता हसन आबिदी उन्हें परेशान कर रहा था। उन्होंने आरोपी को 70 लाख रुपए दिया और एक सोसायटी में जमीन की रजिस्ट्री भी करा दी। पुलिस ने इस मामले में 18 जून को हसन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

