Raipur. रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से एक बेहद दर्दनाक और चिंताजनक घटना सामने आई है। यहां एक नाबालिग छात्रा ने स्कूल से लौटने के बाद अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृत छात्रा की पहचान यामिनी ध्रुव के रूप में हुई है, जो आरडीए कॉलोनी रायपुरा में अपने परिजनों के साथ रहती थी। यामिनी, पंडित गिरजाशंकर मिश्रा स्कूल में पढ़ाई कर रही थी। परिजनों के मुताबिक, स्कूल में किसी बात को लेकर प्रिंसिपल ने उसे सार्वजनिक रूप से डांटा और ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) थमा दिया, जिससे वह मानसिक रूप से बेहद आहत हो गई थी।
कमरे में बंद होकर लगा ली फांसी
गुरुवार को स्कूल से लौटने के बाद यामिनी चुपचाप अपने कमरे में चली गई। परिवार वालों को जब देर तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो उन्होंने दरवाजा खटखटाया। कोई उत्तर न मिलने पर दरवाजा तोड़ा गया तो यामिनी फांसी के फंदे से लटकती मिली। तब तक बहुत देर हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। यामिनी की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मोहल्ले में भी गहरा शोक है।
स्कूल प्रशासन के रवैये पर सवाल
इस घटना के बाद स्कूल प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। परिजनों और स्थानीय लोगों का आरोप है कि छात्रा को सार्वजनिक रूप से डांटना और तत्काल टीसी थमाना अनावश्यक अपमान और मानसिक प्रताड़ना का कारण बना। पुलिस ने प्रारंभिक जांच में माना है कि आत्महत्या के पीछे स्कूल में हुए व्यवहार की अहम भूमिका हो सकती है। आत्महत्या के लिए उकसाने की आशंका को भी खंगाला जा रहा है।
पुलिस कर रही हर पहलू से जांच
थाना प्रभारी के अनुसार, मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। स्कूल प्रबंधन से भी पूछताछ की जाएगी और प्रिंसिपल के बयान लिए जाएंगे। अगर आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे तथ्य सामने आते हैं, तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यामिनी की मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या स्कूलों में अनुशासन के नाम पर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है? क्या शिक्षा संस्थानों में संवेदनशीलता की कमी बच्चों को खुदकुशी की ओर धकेल रही है?

