महासमुंद : जिले के बागबाहरा ब्लॉक से इस वक्त बड़ी खबर आ रही है,ग्राम खेमड़ा की सरकारी सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान में भारी अनियमितताओं का आरोप लगा है। ग्रामीणों का दावा है कि दुकानदार कई-कई महीनों का राशन दिए बिना ही उनसे बायोमेट्रिक में अंगूठा और हस्ताक्षर ले रहा है और ऊपर से दुकान महीने में सिर्फ 5 से 10 दिन ही खुलती है। शिकायतें दर्ज होने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। खाद्य विभाग मामले अगर ईमानदारी जांच करती है तो निश्चित तौर पर क्विंटल में राशन की अफरा तफरी सामने आएगी। आइए देखते हैं हमारी खास रिपोर्ट।”
बता दें कि महासमुंद जिले के बागबाहरा का ग्राम पंचायत खेमड़ा, जहां सरकारी उचित मूल्य दुकान में अफरा-तफरी का माहौल है। ग्रामीण महीनों से परेशान हैं। लेकिन समाधान नहीं।” “ग्राम पंचायत खेमड़ा की यह दुकान सहकारी समिति के माध्यम से संचालित होती है और यहां दीनानाथ निषाद दुकान संचालक है।” “ग्रामीणों का आरोप है कि संचालक दीनानाथ निषाद कभी भी नियमानुसार 30 दिन दुकान नहीं खोलता। महीने में सिर्फ 5 से 10 दिन ही दुकान खुलती है। और इसी बीच ग्रामीणों को चकमा देकर बायोमेट्रिक में अंगूठा और हस्ताक्षर ले लिया जाता है।”

“हम लोग जाते हैं तो बोलते हैं सिस्टम नहीं चल रहा… लेकिन अंगूठा जरूर लगवा लेते हैं। राशन मिलता ही नहीं है।”
“तीन-तीन महीने का राशन अभी तक नहीं मिला… लेकिन ऑनलाइन में दिखा देता है कि उठा लिया गया है।”
“कई किसानों और ग्रामीणों को 3 महीने का राशन आज तक नहीं मिला। जबकि रिकॉर्ड में ‘राशन वितरण पूर्ण’ दिखाया जा रहा है… इससे ग्रामीणों की आशंका और गहरी हो गई है कि बड़े पैमाने पर कालाबाजारी का खेल चल रहा है।”
“ग्रामीणों ने इस अनियमितता की शिकायत बागबाहरा तक पहुंचाई… लेकिन अब तक किसी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि जब से यह दुकान खुली है, तब से संचालक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए लगातार मनमानी करता आ रहा है।”
“ खेमड़ा की यह कहानी सिर्फ अनियमितता नहीं… बल्कि ग्रामीणों के हक पर डाका है। प्रश्न यह है कि जब शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, तो कार्रवाई क्यों नहीं? क्या प्रशासन सो रहा है? या फिर किसी बड़े संरक्षण में चल रहा है यह खेल?



